कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में फर्जी बिल लगाने वाले ठेकेदार पर EOW ने शिकंजा कसा है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के कई बड़े अफसर जांच के दायरे में आ सकते हैं।

दरअसल, नागपुर निवासी बलजिंदर सिंह नैय्यर ने ईओडब्ल्यू से शिकायत की थी। जिसमें राजनांदगांव निवासी ठेकेदार संजय सिंघी पर फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया था। ठेकेदार पर सिवनी में सड़क निर्माण कार्य के दौरान फर्जी बिल लगाकर 45 लाख का भुगतान लेने का आरोप लगा है।

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जबलपुर संभाग के सिवनी जिले में मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत किए गये सड़क निर्माण कार्यों में डामरीकरण किए जाने का फर्जी बिल लगाकर 45 लाख का गोलमा किया गया। इस मामले में ईओडब्ल्यू जबलपुर ने शासन को नुकसान पहुंचाने की शिकायत पर ठेकेदार के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की है। इस संबंध में ईओडब्ल्यू एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि नागपुर राजनगर निवासी बलजिंदर सिंह नैय्यर ने ईओडब्ल्यू को दी शिकायत में बताया गया कि राजनांदगांव निवासी ठेकेदार संजय सिंघी मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण सिवनी पीआईयू-1 के अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य में व्यापक मात्रा में डामर के फर्जी बिल लगाकर शासन से भुगतान प्राप्त किया है।

जांच के दायरे में आ सकते हैं कई अधिकारी

शिकायत की जांच में पता चला कि ठेकेदार ने 18 नवबंर 2016 से 8 दिसंबर 2016 के बीच 7 इनवाईस नंबरों के डामर के फर्जी बिल लगाकर 45 लाख 89 हजार 331 का भुगतान प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। जांच के बाद ईओडब्ल्यू जबलपुर यूनिट ने ठेकेदार के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया है। सड़क निर्माण में केस मामले में कई बड़े अधिकारी भी जद में आ सकते हैं, क्योंकि यह कहां जा रहा है कि बिना अधिकारियों के मिली भगत के यह गोलमाल संभव नहीं है।

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उठ रहे यह सवाल

सवाल उठ रहे है कि आखिर कैसे पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बिना निरीक्षक और भौतिक सत्यापन के 45 लाख रुपए का बिल पास कर दिया। ईओडब्लयू को इस तरह जबलपुर संभाग के कई जिलों डामर के नाम पर फर्जी बिल लगाकर करोड़ों का भुगतान शासन से लिए जाने की शिकायतें मिली है। इन सभी शिकायतों की जांच की जा रही है। इस कार्य में जो भी अधिकारी और सड़क ठेकेदार शामिल है उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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