पुरी. विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून को आयोजित होने वाली है, और इस भव्य उत्सव की तैयारियां पूरे जोश के साथ चल रही हैं. जगन्नाथ मंदिर के पास रथ खाला में भगवान जगन्नाथ के लिए नंदीघोष, भगवान बलभद्र के लिए तालध्वज, और देवी सुभद्रा के लिए दर्पदलन नामक तीन विशाल रथों का निर्माण तेजी से पूरा हो रहा है.

निर्माण के 46वें दिन, कुशल कारीगर और सेवक रथों के ऊपरी हिस्सों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. रथों की तीसरी मंजिल की स्थापना पूरी हो चुकी है, और आधार संरचना बनाने वाले बड़े लकड़ी के बीम (बड़ाठाला पोटाला) लगाए जा चुके हैं. लकड़ी की पहली परत जोड़ी गई है, और अतिरिक्त परतों पर काम जारी है.
रथों के सामने के हिस्सों को सजावटी लकड़ी के पैनलों से मजबूत किया गया है, जबकि बगल की संरचनाओं को लोहे की फिटिंग्स के साथ और सुदृढ़ किया जा रहा है. प्रत्येक रथ के चार मुख्य स्तंभों को स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षित किया गया है.
इसके साथ ही, मूर्तिकारों (रूपकार सेवकों) ने दरवाजों के चौखटों पर जटिल नक्काशी पूरी कर ली है, जिसमें राहु जैसे खगोलीय चित्रों को उकेरा गया है. शेष लकड़ी की संरचनाओं पर अंतिम विवरण का काम अंतिम चरण में है.
उत्सव में अब कुछ ही दिन बचे हैं, और कारीगर गुनदीचा मंदिर तक की पवित्र यात्रा के लिए रथों को समय पर तैयार करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं. रथ यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है.
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