आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। जगदलपुर शहर का अमानवीय ‘पेशाब कांड’ पहले से ही सुर्खियों में है। पीड़ित ड्राइवर कुर्सिद अहमद लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन हाल ही में इस मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी नितिन साहू और आयुष सिंह राजपूत को अग्रिम जमानत दे दी है।

मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि पीड़ित ने आरोप लगाया था कि कबाड़ी संचालक और उसके साथियों ने फार्महाउस में उन्हें बंधक बनाकर घंटों पीटा, बेल्ट से चोट पहुंचाई, नंगा कर अपमानित किया और उसपर पेशाब कर कर दिया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो चुका था।
28 अगस्त 2025 को आए फैसले में कोर्ट ने कहा कि यह विवाद ट्रक किराए की रकम 52,800 रुपये से जुड़ा है। जांच और ट्रायल में समय लगेगा और आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड साफ है, इसलिए उन्हें जमानत दी गई है।
कोर्ट ने आरोपी के लिए कुछ सख्त शर्तें भी रखी हैं:
- आरोपी गवाहों को धमकाएंगे नहीं।
- ट्रायल को प्रभावित नहीं करेंगे।
- हर पेशी में कोर्ट में हाज़िर होंगे।
- भविष्य में ऐसे अपराध में शामिल नहीं होंगे।
हालांकि, इस फैसले के बाद सवाल अब भी वही हैं। क्या पीड़ित कुर्सिद अहमद को न्याय मिलेगा? या आरोपी खुलकर घूमते रहेंगे और पीड़ित का डर बढ़ जाएगा?
- क्या पेशाब कांड की पीड़ित की आवाज दब जाएगी?
- क्या आरोपी जमानत का फायदा उठाकर गवाहों को प्रभावित करेंगे?
- और सबसे बड़ा सवाल, क्या इंसाफ की राह अब और लंबी हो जाएगी?
जगदलपुर का यह मामला न्याय और मानवाधिकार की दृष्टि से संवेदनशील बना हुआ है और समाज में न्याय की उम्मीदों को बनाए रखता है।
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