अमृतसर. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लुधियाना के डीएमसी अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल उठाए।

डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। साथ ही, उन्होंने अस्पताल प्रशासन और पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए।


जगजीत सिंह डल्लेवाल को चार दिन पहले खनौरी बॉर्डर से लुधियाना के डीएमसी अस्पताल लाया गया था। इस दौरान उन्हें किसी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। आज पंजाब पुलिस ने डल्लेवाल की स्थिति को लेकर मेडिकल बुलेटिन जारी किया, जिसके बाद किसान संगठनों के नेता खनौरी बॉर्डर से उन्हें लाने पहुंचे।
जैसे ही डल्लेवाल अस्पताल से बाहर आए, किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उनके साथ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर भी मौजूद थे।

पंजाब सरकार पर डल्लेवाल का बड़ा हमला


डल्लेवाल ने सबसे पहले पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलीभगत कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही किसानों की लड़ाई केंद्र सरकार के खिलाफ है, लेकिन राज्य सरकार को किसानों का समर्थन करना चाहिए था।


इलाज और अफवाहों पर उठाए सवाल


डल्लेवाल ने डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे इलाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका कोई उपचार नहीं हो रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया में जो बातें प्रचारित की जा रही थीं, वे पूरी तरह झूठी थीं। उनका न तो कोई मेडिकल रिकॉर्ड तैयार किया गया, न ही कोई चेकअप हुआ। बावजूद इसके, वे अपनी भूख हड़ताल पर कायम रहे।


भविष्य की रणनीति और संघर्ष जारी


डल्लेवाल ने स्पष्ट किया कि उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च, केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा और दिल्ली कूच की भी घोषणा की। उनका कहना है कि यह संघर्ष भविष्य की पीढ़ियों के लिए है और वे मरन व्रत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी मिलती है, तो आने वाले 100 वर्षों तक किसान बेफिक्र हो सकते हैं।