रायपुर. आकाशाय ताड़का लिंगम, पाताले बटुकेश्वरम। मृत्युलोके महाकालं, सर्व लिंगम नमोस्तुते ।।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

मंत्र का अर्थ

हम त्रिनेत्र को पूजते हैं,
जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं,
जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है,
वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।

प्रातः दर्शन

आज के ज्योतिर्लिंग श्री दादा महाकालेश्वर के भष्म आरती एवं प्रातः श्रृंगार दर्शन..

भष्म आरती के दर्शन