कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh election 2023) के चलते आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. वहीं 2018 की तर्ज पर एक बार फिर ग्वालियर चंबल अंचल में दलित OBC आन्दोलन कि गूंज उठ रही है. जिसको लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है, तो वहीं भीम आर्मी, OBC समाज और राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति गुरुवार को जेल भरो आंदोलन करने जा रही है.

दरअसल, ग्वालियर चंबल अंचल में 2018 की तरह 2023 में भी दलित ओबीसी आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है. ग्वालियर में गुरुवार को जेल भरो आंदोलन का आवाहन किया गया है. राष्ट्रीय युवा गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति ने बीते 25 सितंबर को फूलबाग मैदान में आयोजित गुर्जर महापंचायत और उसके बाद हुए उपद्रव को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई गुर्जर के साथ ही ओबीसी नेताओं पर कार्यवाही के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी की है. जिसको भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी समर्थन दे दिया है और वे खुद ग्वालियर पहुंचकर जेल भरो आंदोलन में अपनी गिरफ्तारी देंगे.

आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. 25 सितंबर को भी ग्वालियर शहर में जमकर उपद्रव होने के कारण निजी और शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. यही वजह है कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और उनके द्वारा चेतावनी जारी की गई है कि बिना अनुमति के किए गए प्रदर्शन पर आंदोलनकारियों पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

2018 में दलित ओबीसी वोटर्स की नाराजगी 2 अप्रैल के आंदोलन और हिंसा के चलते भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल होने का खामियाजा भुगतना पड़ा था. एक बार फिर ग्वालियर चंबल अंचल में दलित और ओबीसी वर्ग के विभिन्न सामाजिक संगठन एकजुट होकर पुलिस प्रशासन के साथ ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. यही वजह है एक बार फिर इस मामले ने सियासी रूप ले लिया है.

कांग्रेस का कहना है कि निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तो ऐसे ही आंदोलन देखने पड़ेंगे. दलित और ओबीसी वर्ग के साथ भारतीय जनता पार्टी सदैव अन्याय करती रही है. यही वजह है कि एक बार फिर वह एकजुट होकर आंदोलन करने मजबूर हुए है. 2018 की तरह 2023 में एक बार फिर BJP सरकार सत्ता से बेदखल होगी.

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वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ समझो को भड़काने का काम करती है. बीजेपी और उनकी सरकार सभी समाजों को साथ लेकर चलती है. जो लोग उपद्रव करते हैं वह किसी समाज से नहीं होते हैं. यही वजह है कि उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाता है. बीजेपी को ऐसे उपद्रवियों से कोई नुकसान नहीं होने वाला है. यही वजह है कि एक बार फिर 2023 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है.

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गौरतलब है कि 2018 में दलित ओबीसी आंदोलन के चलते भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. अंचल की 34 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 7 सीटे ही BJP को मिली थी, जबकि कॉंग्रेस को रिकॉर्ड 26 सीट मिली. जिसके चलते कॉंग्रेस की सरकार भी बनी. कुछ वैसे ही हालात एक बार फिर 2023 में बनते दिख रहे है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार क्या राजनीतिक समीकरण बनते है.

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