नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मनमोहन सिंह के नरेंद्र मोदी के माफी मांगे जाने की अपील को खारिज करते हुए कहा कि यह काफी हैरान करने वाला है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्र नीति से अलग जाकर यह बैठक की और उन्हें देश को समझाना चाहिए कि इसकी क्या जरूरत थी.
जेटली ने कहा, ‘दोनों देशों के डीजीएमओ की बैठकें होती हैं और हमारे कूटनीतिक रिश्ते भी हैं, लेकिन यह स्पष्ट राष्ट्र नीति है कि जब तक पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद खत्म नहीं होगा, उच्च स्तर पर बातचीत नहीं होगी.
हालांकि मणिशंकर अय्यर जैसे लोगों ने कभी इस राष्ट्र नीति को नहीं माना. वह कहते हैं कि आतंकवाद के साथ बातचीत भी जारी रहेगी. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ नेताओं का अय्यर का न्योता स्वीकार करना और इस बैठक में शामिल होना गलती है.’
उन्होंने मोदी से माफी की मांग पर हैरानी जताते हुए कहा कि क्षमा तो उन्हें मांगनी चाहिए जिन्होंने राष्ट्रीय नीति का उल्लंघन किया है. कांग्रेस पार्टी को देश को समझाना चाहिए कि इस बैठक की जरूरत क्या थी। उन्होंने यह भी कहा पूर्व प्रधानमंत्री को किसी के साथ बैठक के लिए पूछने की जरूरत नहीं है. लेकिन क्या इस तरह की संवेदनशील बैठक की जानकारी विदेश मंत्रालय को नहीं दी जानी चाहिए?
गौरतलब है कि रविवार को बनासकांठा के पालनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया था कि गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीमा पार से मदद से ले रहे हैं. कांग्रेस पर हमले के साथ मोदी ने सवाल किया था कि आखिर पाकिस्तान में सेना और इंटेलिजेंस में उच्च पदों पर रहे लोग गुजरात में अहमद पटेल को सीएम बनाने की मदद की बात क्यों कर रहे हैं? मोदी ने पूछा था कि आखिर इसके क्या मायने हैं?
जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाये गये सभी आरोपो को खारिज किया और कहा कि मोदी को उनके द्वारा दिये गये इस बयान पर देश से माफी मांगना चाहिए.