मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने की मुहिम का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है. ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य के चार गांवों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार’ (Best Tourism Village Award) से सम्मानित किया जाएगा. ये पुरस्कार केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से 27 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में दिया जाएगा.

भारत सरकार की ओर से हर साल आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय स्तर की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण को सुनिश्चित करना है. यह प्रतियोगिता समुदाय आधारित जीवनशैली और मूल्यों को प्रोत्साहित करती है, साथ ही सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता पर भी जोर देती है. इस वर्ष की प्रतियोगिता में उत्तराखंड के चार गांवों का चयन उनकी ग्रामीण पर्यटन क्षमता के प्रतीक के रूप में किया गया है.

उत्तराखंड के जिन चार गांवों को विभिन्न प्रकार के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया जाएगा इनमें ये गांव शामिल हैं-

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जखोल गांव (उत्तरकाशी): ये गांव साहसिक पर्यटन के लिए जाना जाता है. अपनी ऊंचाई, खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए यह स्थान तेजी से साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के बीच लोकप्रिय हो रहा है.

हर्षिल गांव (उत्तरकाशी): इसे ‘वाइब्रेंट विलेज’ के रूप में सम्मानित किया जाएगा. हर्षिल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है.

गुंजी गांव (पिथौरागढ़): यह गांव भी ‘वाइब्रेंट विलेज’ का पुरस्कार प्राप्त करेगा. गुंजी अपनी सामरिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण विशेष स्थान रखता है, और यहां स्थानीय संस्कृति और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है.

सूपी गांव (नैनीताल): इसे कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. सूपी गांव अपनी पारंपरिक कृषि पद्धतियों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है. यहां कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सके.