अमृतांशी जोशी, भोपाल।  मध्यप्रदेश के खरगोन और बड़वानी सेंधवा में हुए दंगे के बाद राजनीति गरमा गई है। प्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में एक वर्ग विशेष को टारगेट करने की बातें कही गई है।  इसी तरह नीमच में जुमे की नमाज के बाद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ नारेबाजी का मामला सामने आया है। खरगोन घटना को लेकर गृहमंत्री और सीएम के खिलाफ नारेबाजी हुई थी। गृहमंत्री को आतंकवादी बताने के नारे लगाए गए थे।

वहीं इस संबंध में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा का बयान आया है। कहा कि सार्वजनिक जीवन और राजनीति में आने के बाद प्रण होता है समाज सेवा का, चाहे हमें गोली मारे या आतंकवादी कहें यह डराने वाली बात है। किसी भी स्थिति में प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ने दिया जाएगा। जिस हद तक भी जाना पड़े उस हद तक जाऊंगा। अमन चैन और शांति के लिए हर स्तर तक जाऊंगा। ऐसे लोग अपनी भी निकाल रहे भड़ास। शिवराज सरकार में कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी जाएगी। लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने का प्रयास कर रहे है।

खरगोन हंसा में युवक की मौत पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार के कामों को उग्रवाद बता रहे। दंगाइयों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है। जांच के बाद की जाती है कार्रवाई। न्यायालय का जो आदेश मिलेगा वो सरमाथे पर। खरगोन हिंसा के दौरान लापता युवक ने एम वाय अस्पताल में दम तोड़ दिया है। खरगोन के इस्लाम पूरा का रहने वाला सफाई कर्मी इबरेश खान की मौत ईलाज के दौरान इंदौर के एम वाय हॉस्पिटल में हो गई है। परिजनों को पुलिस को यह सूचना दी।  वहीं परिजनों का आरोप है कि 11 अप्रैल से इबरेश घर नहीं पहुंचा। काफी खोजबीन की । थाने और जिला अस्पताल, जेल सभी जगह पता किया, लेकिन कोई जानकारी नहीं ।

मृतक के भाई मुमताज ने बताया कि मेरे भाई के सिर पर गंभीर चोट आई है तलवारों से उस पर हमला किया गया। मृतक के भाई इखलाक का कहना है कि आज उसकी लाश मिली है जिसकी आंख फूटी, पैर की पूरी हड्डी नहीं है । इस तरह के कई गंभीर आरोप मृतक के भाई ने लगाए हैं ।

इस मामले में एसपी रोहित काशवानी का कहना है कि आनंद नगर सांप्रदायिक दंगा स्थल से गंभीर घायल अवस्था में एक युवक मिला था जिसे अस्पताल भर्ती करवाया था। उसकी मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कर शव रखने की व्यवस्था न होने के चलते इंदौर भिजवा दिया था।

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