नई दिल्ली. देश के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में विवादित टिप्पणी करने वाले जम्मू कश्मीर के प्रोफेसर ने अपने बयान पर माफी मांगी है. जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम ताजुद्दीन ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान को गलत पिरपेक्ष्य में लिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं रूस के क्रांतिकारी लेनिन के बारे में छात्रों को पढ़ा रहा था और उसी परिपेक्ष्य में मैंने कहा था कि जब राज्य के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा होती है तो सरकार उसे आतंकवादी मानती है. लेकिन किसी ने मेरे दो घंटे के लेक्चर में से 20 सेकेंड का वीडियो साझा किया और उसे गलत तरह से दिखाया गया है.

प्रोफेसर ने कहा कि मेरा कतई यह मकसद नहीं था कि मैं भगत सिंह को आतंकवादी कहूं, लेकिन अगर मेरे बात से कोई आहत हुआ है तो मैं माफी मांगता हूं. गौर करने वाली बात है कि एम ताजुद्दीन के बयान के बाद उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद उन्हे निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ जांच कमेटी का गठन किया गया था. मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.

विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर मनोज कुमार धर ने कहा कि हमने इस मामले में 6 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है जोकि इस मामले की जांच करेगी. हमे इस कमेटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. मनोज कुमार ने बताया कि मेरे पास कुछ छात्र इस बाबत शिकायत लेकर आए थे, उन्होंने सबूत के तौर पर सीडी पेश की है, जिसके बाद मैंने तुरंत कमेटी का गठन कर दिया था, हमने अभी फिलहाल प्रोफेसर को क्लास लेने से रोक दिया है.

प्रोफेसर का कहना है कि उनका कतई यह मकसद नहीं था कि वह भगत सिंह का अपमान करें. उन्होंने कहा कि वह खुद भी भगत सिंह को क्रांतिकारी मानता हूं. आपको बता दें कि प्रोफेसर का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था और उनके खिलाफ जांच का आदेश दे दिया है.