पटना। जन सुराज पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं ​जीत हा​सिल नहीं होने के बाद अब एक बार फिर राजनीति में अपनी मजबूत जगह बनाने की कोशिश में जुटी गई है। पार्टी ने अब बाद खुद को नए रूप में ढालने का बड़ा फैसला लिया है। चुनाव नतीजों के बाद पार्टी ने आत्ममंथन करते हुए पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक की पूरी संगठनात्मक संरचना को भंग कर दिया है। पार्टी का मानना है कि नए जनादेश के साथ नई ऊर्जा और नई रणनीति की जरूरत है, ताकि भविष्य की लड़ाइयों में मजबूती से उतरा जा सके।

समिति काम जारी रखेगी

पार्टी प्रवक्ता सैयद मसीह उद्दीन के अनुसार संगठन भंग जरूर किया गया है, लेकिन नई टीम के गठन तक यही समिति काम जारी रखेगी, ताकि गतिविधियां प्रभावित न हों। उधर प्रशांत किशोर ने वरिष्ठ नेताओं संग लंबी बैठक कर हार की वजहों से लेकर अगली रणनीति तक हर पहलू पर चर्चा की।

12 प्रमंडलों की जिम्मेदारी सौंपी

पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को 12 प्रमंडलों की जिम्मेदारी सौंपी है। ये नेता जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे और चुनावी कमजोरियों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही इनमें अंदरूनी विवाद, अनुशासनहीनता और भीतरघात की पहचान कर दोषियों की सूची तैयार करने की भी जिम्मेदारी शामिल है।

कहां सुधार की जरूरत

इसी बीच 21 दिसंबर को पटना में सामान्य परिषद की अहम बैठक बुलाई गई है। इसमें जिला व प्रदेश स्तर के नेता मिलकर यह तय करेंगे कि संगठन किन क्षेत्रों में कमजोर पड़ा, कहां सुधार की जरूरत है और आगे की दीर्घकालिक राजनीतिक रणनीति क्या होगी।