Janmashtami 2025: 16 अगस्त को देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रहेगी. इस पावन अवसर पर व्रत-पूजन, झांकी सजावट और आधी रात को नंदलाल का जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है, लेकिन धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यदि विधिपूर्वक संतान गोपाल यज्ञ किया जाए, तो यह विशेष रूप से संतान की प्राप्ति या उसकी मंगलकामना के लिए अत्यंत फलदायी सिद्ध होता है. यदि कोई दंपति श्रद्धापूर्वक यह यज्ञ करे, तो बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र ही संतान सुख का योग बनता है.
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Janmashtami 2025
क्या है संतान गोपाल यज्ञ? (Janmashtami 2025)
संतान गोपाल यज्ञ वैदिक परंपरा का विशेष अनुष्ठान है, जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बालगोपाल को समर्पित होता है. यह यज्ञ विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए किया जाता है, जिन्हें संतान की प्राप्ति में बाधा आ रही हो या जो संतान के स्वास्थ्य, दीर्घायु और अच्छे संस्कारों के लिए चिंतित हों.
मान्यता है कि श्रीकृष्ण के बाल रूप को प्रसन्न कर कोई भी भक्त संतान सुख प्राप्त कर सकता है. पुराणों में यह उल्लेख मिलता है कि जो श्रद्धापूर्वक गोपाल को पुत्ररूप में पुकारते हैं, उन्हें ईश्वर स्वयं संतान का वरदान देते हैं.
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जन्माष्टमी पर क्यों है इसका विशेष महत्व? (Janmashtami 2025)
श्रीकृष्ण का जन्म आषाढ़ शुक्ल अष्टमी की रात को हुआ था, जिसे निशिता काल कहा जाता है. यही वह समय है जब संतान गोपाल यज्ञ का फल कई गुना बढ़ जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस काल में बालकृष्ण का ध्यान और उनका पूजन, गोद भरने वाली कृपा ला सकता है.
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