कृष्ण कुमार मिश्र, जौनपुर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर परिसर से ठीक दो सौ मीटर पर धड़ल्ले से गैर पंजीकृत लगभग 10 निजी अस्पताल संचालित हैं. जहां हर रोग के इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर बैठे रहते हैं. गांव के भोलेभाले लोग इनके बहकावे में आकर अपनी जान गवां बैठते हैं. बताते हैं कि सरोखनपुर वार्ड 9 के निवासी पिन्टू दलित की 28 वर्षीया पत्नी सुषमा बीते रात सुमन पाली चिकित्सालय बदलापुर में भर्ती हुई.
ऑपरेशन से बच्चा पैदा हुआ. बच्चा जौनपुर में एक निजी हास्पिटल में भर्ती है. इधर महिला की हालत बिगड़ गई. आनन फानन में उसे जौनपुर ले गए. वहां भर्ती करने से मना करने पर उसे वाराणसी ले जाया गया. लेकिन महिला ने दम तोड़ दिया. परिजन शव को बदलापुर अस्पताल ले आए जहां आपसी सुलह समझौते पर मामला रफा दफा हुआ. शव का परिजनों ने दाह संस्कार कर दिया.
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बताया गया है कि ऐसे कई प्रकरण हो चुके हैं. लेकिन कार्रवाई नहीं होती और कुछ लोग ले देकर मामला सलटा कर इस प्रकार के अस्पताल संचालकों का हौसला बुलन्द करते हैं. इन सब में स्वास्थ्य विभाग की पूरी मिली भगत बताई जा रही है.
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