नई दिल्ली. बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदूवादी संगठनों की तुलना तालिबान के साथ कर दी है. उन्होंने कहा कि इसे समर्थन देने वाले लोगों को आत्मचिंतन करना चाहिए.

एक इंग्लिश न्यूज चैनल के साथ बातचीत में अख्तर ने कहा कि आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल जैसे संगठनों का भी उद्देश्य वही है, जो तालिबान का है. आगे उन्होंने यह भी कहा, “भारतीय संविधान इनके लक्ष्य की राह में आड़े आ रहा है, लेकिन अगर मौका मिला तो ये उसी बाउंड्री को भी पार कर जाएंगे.” जावेद अख्तर ने कहा, “मुझे लगता है कि जो लोग आरएसएस, वीएचपी, बजरंग दल जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं, उन्हें आत्मचिंतन की जरूरत है. निश्चित तौर पर तालिबान मध्ययुगीन मानसिकता वाला है, इसमें कोई शक नहीं हैं, वे बर्बर हैं लेकिन आप जिन्हें समर्थन कर रहे हैं, वे उनसे अलग कहां हैं? उनकी जमीन लगातार मजबूत हो रही है और वे अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. इनकी मानसिकता एक ही है.”

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बता दें कि कुछ दिन पहले राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया था, जिसपर खासा बवाल मचा था. पार्टी के आपदा प्रबंधन विंग की पटना में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जगदानंद सिंह ने कहा था, “तालिबान नाम नहीं, एक संस्कृति है. भारत में RSS तालिबानी हैं. ये लोग दाढ़ी काटते हैं. चूड़ी बेचने वाले और पंक्चर बनाने वाले को मारते हैं. इन सबके खिलाफ लालू यादव ने लंबी लड़ाई लड़ी, संघर्ष किया और इसलिए उन लोगों ने कहा- अरबपतियों की खिलाफत करता है, धार्मिक उन्मादियों के खिलाफ है, आडवाणी को गिरफ्तार करता है इसलिए लालू प्रसाद को जेल में डालो.”

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