रायपुर. जया किशोरी जी को प्रोफेश्नल कथावाचक कहा जा सकता है. प्रोफेशनल इसलिए क्योंकि वो श्री कृष्ण की भागवत कथा भी नए जमाने और नए ट्रेंड के हिसाब से करती है.लेकिन अक्सर उनके लाखों भक्तों का सवाल रहता है कि कथा करने से पहले जया किशोरी जी क्या करती होंगी ?

तो हम आपको आज बताएंगे कि वो कथावाचक होने से पहले क्या करती थी. ये जानने से पहले हम आपको उनके बारे में कुछ और बाते बताते है.  जया किशोरी एक कथावाचक और भजन गायिका हैं. जो अपनी मोटिवेशनल स्पीच और भक्ति एल्बम के लिए भी प्रसिद्ध हैं. लोग इन्हें किशोरी जी के नाम से जानते हैं. इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार उनका जन्म 13 जुलाई साल 1995 में हुआ माना जाता है. गूगल पर इनके भजनों समेत इनकी उम्र, मैरिड लाइफ, हसबैंड इत्यादि के बारे में खूब सर्च किया जाता है.

साध्वी जया किशोरी राजस्थान की रहने वाली हैं. इन्होंने बिरला सेकंडरी हाईस्कूल से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की. जया किशोरी बीकॉम में ग्रेजुएट हैं. जया किशोरीगौण ब्राह्मण परिवार में जन्मी हैं. इनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा, माता का नाम सोनिया शर्मा और बहन का नाम चेतना शर्मा है. जानकारी अनुसार जया किशोरी ने अभी विवाह नहीं किया है. लेकिन मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में इन्होंने बताया है कि वे सामान्य युवती की तरह ही हैं. शादी भी करेंगी, लेकिन उसमें अभी समय है. जया किशोरी ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि वे सामान्य युवती की तरह ही हैं. शादी भी करेंगी, लेकिन उसमें अभी समय है. जया किशोरी के पिता भी उनकी शादी करने की बात कई साक्षात्कार में कह चुके हैं.

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जया किशोरी 7 वर्ष की उम्र में भजनों से ठाकुर जी को रिझाने लग गई थीं. इन्होंने कोलकाता में बसंत महोत्सव के दौरान संत्संग में गाना गाया था. सिर्फ 9 साल की उम्र में ही जया ने संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम् आदि कई स्तोत्रों को गाना शुरू कर दिया था. फिर 10 साल की उम्र में इन्होंने अकेले ही सुंदरकांड गाया. जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. इन्होंने कई भक्ति एल्बम में अपनी आवाज दी है. जया किशोरी ‘नानी बाई का मायरा, नरसी का भात’ कार्यक्रम करती हैं. इन्हें शुरुआती शिक्षा देने वाले गुरु गोविंदराम मिश्र ने राधा नाम दिया. साथ ही श्रीकृष्ण के प्रति इनके प्रेम को देखते हुए इन्होंने ही ‘किशोरीजी’ की उपाधि जया को आशीर्वाद के रूप में दी.

कहा जाता है कि जया कथाओं से आने वाली दान की राशि को नारायण सेवा ट्रस्ट, उदयपुर राजस्थान को दान करती हैं. इस दान से विकलांगों की मदद की जाती है. नारायण सेवा गरीब बच्चों के लिए स्कूल और खाने पीने का ध्यान भी रखता है.

जया किशोरी जी के पुराने भजन