भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव न लड़ने के संकेत दिए हैं. जयंत सिन्हा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर उन्हें चुनावी दायित्व से मुक्त करने की मांग की है. आगामी लोकसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई और कहा कि वह अपना पूरा ध्यान भारत तथा पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने पर केन्द्रित करना चाहते हैं.

जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे चुनावी दायित्व से मुक्त करने अपील की है ताकि मैं भारत और दुनिया में जलवायु परिवर्तन से निपटने पर फोकस कर सकूं. हालांकि मैं पार्टी की आर्थिक और प्रशासनिक मुद्दों पर काम करता रहूंगा.’ जयंत सिन्हा ने लिखा ‘मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे बीते 10 वर्षों तक भारत और हजारीबाग के लोगों की सेवा का मौका मिला. मुझे भाजपा नेतृत्व, पीएम मोदी और अमित शाह ने कई अवसर दिए, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं, जय हिंद.’

गौतम गंभीर और जयंत सिन्हा ने ये ऐलान ऐसे समय में किया है जब बीजेपी लोकसभा चुनावों के लिए 100 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने वाली है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों के लिए जारी की जाने वाली लिस्ट में कई सांसदों का टिकट कट सकता है. इस लिस्ट में गौतम गंभीर का नाम भी शामिल था.

जयंत सिन्हा से पहले दिल्ली से भाजपा सासंद व पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जता चुके हैं. गौतम गंभीर ने कहा कि वह राजनीति से विदा लेना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से रिक्वेस्ट की है. गंभीर ने शनिवार को एक्स पर लिखा, “मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से मुझे अपने राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि मैं अपनी आगामी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी को धन्यवाद देता हूं. जय हिन्द!”

कौन हैं जयंत सिन्हा

जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री और पहले एनडीए और फिर टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. जयंत ने पहली बार साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता. जयंत पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री थे 2016 से 2019 के बीच वह उड्डयन राज्य मंत्री रहे. इसके अलावा 2014 से 2016 के बीच वित्त राज्य मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. जयंत सिन्हा को 2019 में एकबार फिर हजारीबाग सीट से टिकट दिया गया था और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे भी उतरे. उन्होंने एकबार फिर जीत हासिल की लेकिन पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कोई मंत्रालय नहीं दिया गया था.