राजनादगांव। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के गुजर जाने के बाद उनकी पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) बिखर गई है. उनके विधायक ही अब पार्टी का साथ नहीं दे रहे हैं. पूर्व सांसद और खैरागढ़ से जेसीसीजे विधायक देवव्रत सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि JCCJ में पूझपरख नहीं होने के कारण वो दूसरी पार्टी बनाएंगे. अजित जोगी के जाने के बाद जेसीसी-जे पार्टी भाजपा की बी पार्टी बनकर रह गई है. आगामी होने वाली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के सामने दूसरी पार्टी बनाने का प्रस्ताव रखेंगे.

अजीत जोगी के संकल्प को पूरा कर रही कांग्रेस

विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि जोगी कांग्रेस की कार्यकारिणी बैठक में हमें नहीं बुलाया जाता है या फिर हटा दिया गया है. अजीत जोगी के निधन के बाद हम यह महसूस कर रहे हैं कि वर्तमान में JCCJ लगातार बीजेपी की B पार्टी बनने की कोशिश कर रही हैं. प्रमोद शर्मा और मैंने मरवाही चुनाव में देखा है कि जोगी कांग्रेस ने बीजेपी को किस तरह से समर्थन दिया. अजीत जोगी ने जो संकल्प पत्र लाया था, उसमें जिन बातों का उल्लेख था, उन वादों को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पूरा किया है.

विस अध्यक्ष से मिलकर बनाएंगे नया दल

देवव्रत सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश की सरकार बनने के बाद ऐसा लग रहा है कि छत्तीसगढ़ियों की सरकार है. छत्तीसगढ़ के बारे में भी चर्चा हो रही है. यही मूलमंत्र अजीत जोगी का था. छत्तीसगढ़ सरकार उन संकल्पों को पूरा करने का प्रयास कर रही है, तो उसे अपना समर्थन देने की बजाय बीजेपी को समर्थन दिया जा रहा है. इसलिए मैंने और प्रमोद शर्मा ने इसका विरोध भी किया. इसके बाद पार्टी फोरम से हमें हटा दिया. इसलिए हमने सोचा कि हमें अलग हो जाना चाहिए. हमने यह निर्णय लिया है कि विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर पार्टी से अलग होने की जानकारी देंगे. उनसे नए दल का गठन करने की बात कहेंगे.

जोगी कांग्रेस में है 4 विधायक 

दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होने वाला है. इस मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में जोगी कांग्रेस का बिखराव दिख सकता है. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) का गठन पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 5 साल पहले किया था. इसके बाद 2018 में ये पार्टी कांग्रेस और भाजपा के मुकाबले विधानसभा चुनाव में उतरी थी. इस पार्टी ने क्षेत्रीय पार्टी के रूप में पहली बार चुनाव लड़ते हुए 5 सीटों पर विजय पाई थी, लेकिन सवा साल पहले पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी की निधन के बाद पार्टी में 4 विधायक ही रह गए.

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