रायपुर। जेसीसीजे सुप्रीमो अजीत जोगी के हेलीकॉप्टर को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसे लेकर अब पार्टी का आधिकारिक बयान आया है. जेसीसीजे ने इस तरह की खबरों को भ्रामक बताया है. पार्टी के मुताबिक, अजीत जोगी फिलहाल ओएसएस कंपनी के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं. जेसीसीजे ने कहा कि ओएसएस कंपनी से पार्टी का अनुबंध है.

पार्टी ने कहा कि हेलीकॉप्टर विवाद पीयूष देशलहरा और मेसर्स सार विमानन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड से किराए पर लिए गए हेलीकॉप्टर को लेकर है, जिससे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का कोई लेना-देना नहीं है. जेसीसीजे ने कहा कि अजीत जोगी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा हेलीकॉप्टर रायपुर में मौजूद है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल पायल एंटरप्राइजेज ने किराए के हेलीकॉप्टर की खराब हालत को लेकर एक शिकायती आवेदन दुर्ग के थाना प्रभारी को दिया है, जिसमें जीसी पांडे और मोहित शर्मा द्वारा मेसर्स सार विमानन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर की गई धोखाधड़ी की शिकायत की गई है. शिकायत पायल इंटरप्राइजेज के पीयूष देशलहरा ने किया है.

मेसर्स सार विमानन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड से शिकायतकर्ता ने एक एकल इंजन हेलीकॉप्टर बेल 206/बी-3 को किराए पर लिया था, जो कि गैर अनुसूचित यात्री चार्टरों के लिए 50 हजार रुपए प्रति घंटे की दर से किराए पर लिया था. शिकायतकर्ता ने 69 लाख रु की अग्रिम राशि का भुगतान किया था, जिसके तहत केनरा बैंक अकाफंट नंबर- 0298256051134 को त्रैमासिक उड़ान शुल्क के लिए तैयार किया था.
शिकायतकर्ता पीयूष देशलहरा ने कहा कि सार विमानन के जीसी पांडे और मोहित शर्मा ने आवेदक को इस बात के लिए आश्वस्त किया था कि वे जिस हेलीकॉप्टर की पेशकश कर रहे थे और उसके कुछ भाग इंजन, टर्बाइन वगैरह अच्छी हालत में हैं और उन्हें लंबे समय तक रखरखाव की जरूरत नहीं होगी. मेसर्स सार विमानन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक जीसी पांडेय ने आश्वस्त किया था कि हेलीकॉप्टर के पास एक समय में 4 लोगों और 1 पायलट की क्षमता है. साथ ही विमान संचालन के लिए 2 पायलटों की नियुक्ति भी की जाएगी और हेलीकॉप्टर वातानुकूलित होगा. इन्हीं शर्तों पर शिकायतकर्ता पीयूष देशलहरा ने हेलीकॉप्टर किराए पर लेने की सशर्त मंजूरी दी.

हालांकि जब हेलीकॉप्टर रायपुर पहुंचा, तो पता चला कि जिस हेलीकॉप्टर की फोटो दिखाई गई थी, ये उससे अलग था. ऊपर से इसकी हालत भी खराब थी. महज़ एक हफ्ते के अंदर इसमें यात्रा असुविधाजनक और खतरनाक हो गई. वहीं ये वातानुकूलित भी नहीं था. वो पायलट और 2 यात्री से ज्यादा लेकर उड़ान भी नहीं भर पाता था. वहीं पायलट पूरी तरह से असयोगी था और बिना अनुमति के अपने घर दिल्ली चला जाता था, जिसके कारण समय पर हेलीकॉप्टर की सेवा मुहैया नहीं हो पाती थी.

इन्हीं शिकायतों को लेकर धोखाधड़ी की शिकायत दुर्ग थाने में की गई है.