आज एक ऐसा दिन है जब हम और आप अपनी जिंदगी के ऐसे पुरुष हीरोज का बेहिचक शुक्रिया अदा कर सकते हैं.

नई दिल्ली : पुरुष किसी भी फैमिली और महिला के जीवन का एक ऐसा रिश्ता होता है जो उसकी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए बुहत कुछ करता है. घर में पिता अपने बच्चों की खुशियों के लिए जो भी संघर्ष करता है उसे कभी जाहिर नहीं होने देता. सिर्फ पिता ही क्यों आपकी जिंदगी में मौजूद हर वो आदमी जो अपनी जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी से निभाता है उसे हम कभी भी थैंक्स नहीं कह पाते. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि ज्यादातर पुरुष अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते. आज एक ऐसा दिन है जब हम और आप अपनी जिंदगी के ऐसे पुरुष हीरोज का बेहिचक शुक्रिया अदा कर सकते हैं. 19 नवंबर, आज अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के मौके पर जानें कैसे इस दिन की शुरुआत हुई.

अमेरिकी की मिसौरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस योस्टर की कोशिशों के बाद पहली बार 7 फरवरी 1992 को कुछ देशों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया.1995 आते-आते उन देशों ने भी लोगों की दिलचस्पी कम होने के कारण पुरुष दिवस मनाना बंद कर दिया. इसके बाद पुरुषों के हक के लिए आवाज उठाई त्रिनिडाड और टोबेगो के स्थानीय निवासी डॉ. जीरोम तिलकसिंह ने जो मूलत: भारतीय थे. जीरोम ने दोबारा पुरुष दिवस मनाए जाने के प्रयास शुरू किए. जीरोम का मानना था कि समाज में पुरुषों के योगदान को जाना जाए और उन्हें होने वाली परेशानियों का भी समाधान हो, साथ ही उनके आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचे.

क्यों चुना गया 19 नवंबर

इस दिन को मनाने के लिए डॉ. जीरोम ने सोचा कि जब बात पुरुषों की हो रही है तो उनके लिए सबसे सम्मानीय पुरुष उनके पिता हैं. इसलिए उन्होंने पिता के जन्मदिन पर ये दिन 19 नवंबर को मनाने का सोचा. साल 1989 में पहली बार त्रिनिदाद और टोबैगो की टीम ने पहली बार फुटबॉल वर्ल्ड कप में क्वालिफाई किया था और यहां भी 19 अंक मौजूद था. बस, जीरोम ने तय कर लिया कि इसी दिन को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस घोषित करवाना है. डॉ. जीरोम तिलकसिंह के तमाम प्रयासों की बदौलत यूनेस्को ने 19 नवंबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में घोषित कर दिया. दुनिया के 70 से ज्यादा देश अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाते हैं.

भारत में दस साल पहले हुई शुरुआत

2007 में पहली बार भारत में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का आयोजन किया गया. ‘सेव इंडियन फैमिली’ नामक पुरुष अधिकार संस्था ने भारत में इसकी शुरुआत की थी.