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रायपुर। झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की नक्सलियों द्वारा की गई हत्या पर गठित न्यायिक जांच आयोग के राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए इसे मान्य प्रक्रिया का उल्लंघन करार दिया है. पार्टी प्रवक्ता ने पूछा है कि ऐसा क्या है जो सरकार से छुपाने की कोशिश की जा रही है? कांग्रेस के आरोप पर भाजपा ने पलटवार किया है.
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि सामान्यतया जब भी किसी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है, तो वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है. झीरम नरसंहार के लिए गठित जस्टिस प्रशांत मिश्र आयोग की ओर से रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंपना ठीक संदेश नहीं दे रहा है.
जब आयोग का गठन किया गया था, तब इसका कार्यकाल 3 महीने का था. तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में 8 साल कैसे लग गया? आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नहीं है, इसमें समय लगेगा. जब रिपोर्ट तैयार नहीं थी, तब आयोग इसके लिए समय मांग रहा था, फिर अचानक रिपोर्ट कैसे जमा हो गयी? यह भी शोध का विषय है.
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भाजपा ने कहा कि खुलासे का सभी कर रहे इंतजार
कांग्रेस के आरोप पर भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता रिपोर्ट किसे सौंपे ये नहीं होनी चाहिए. अच्छी बात ये हैं कि रिपोर्ट आ गई है. झीरम का मामला संवेदनशील है. खुलासे का इंतजार सभी कर रहे हैं. वास्तविकता की जानकारी सभी को होनी चाहिए.
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