कुंदन कुमार/पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर गर्मी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना में महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 15 मिनट तक चली, लेकिन इसके राजनीतिक मायने काफी गहरे माने जा रहे हैं।

सभी दलों को साधने की कोशिश

सूत्रों के मुताबिक, यह मुलाकात एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर हुई है। चूंकि 3 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बिहार एनडीए की अहम बैठक प्रस्तावित है, ऐसे में मांझी और नीतीश कुमार की यह मुलाकात बैठक से पहले की रणनीतिक तैयारी के तौर पर देखी जा रही है। सूत्रों की मानें तो मांझी ने अपनी पार्टी हम के लिए विधानसभा चुनाव में उचित सीट हिस्सेदारी की मांग को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। वहीं नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि सभी घटक दलों को संतुलन में रखते हुए सीटों का बंटवारा किया जाएगा।

एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं

यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब बिहार की राजनीति में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर की जमीन तैयार हो रही है। नीतीश कुमार की रणनीतिक सूझबूझ और मांझी की सामाजिक पकड़ दोनों ही फैक्टर आगामी विधानसभा चुनावों में एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।

विशेष बात यह है कि 3 सितंबर को दिल्ली में अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक को लेकर सभी एनडीए घटक दलों में बेचैनी बनी हुई है। माना जा रहा है कि उस बैठक में लोकसभा चुनाव के बाद बदले राजनीतिक समीकरणों और सीट बंटवारे की अंतिम रूपरेखा पर मुहर लग सकती है। वहीं जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की इस मुलाकात ने यह संकेत दे दिया है कि भले ही गठबंधन में मतभेद हों, लेकिन संवाद और समझदारी के रास्ते अभी भी खुले हैं। अब सबकी निगाहें 3 सितंबर की बैठक पर टिक गई हैं, जहां बिहार एनडीए की आगामी रणनीति का बड़ा ऐलान हो सकता है।

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