कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी (Jiwaji University) अपने कारनामों के चलते सुर्खियों में रहती है। इस कड़ी में एक और मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी को जिस महिला हॉकी टीम ने यूनिवर्सिटी का नेशनल गोल्ड कप दिलाया उन खिलाड़ियों को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने ट्रेन का किराया तक नहीं दिया। मजबूरन जीवाजी विश्वविद्यालय की हॉकी टीम बिना रिजर्वेशन अपने खर्च पर बेंगलुरु पहुंची। वहीं इस मामले की शिकायत राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया।
ग्वालियर की ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी विनर महिला हॉकी टीम को जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच बिना रिजर्वेशन नॉन एसी ट्रेन के स्लीपर कोच में बेंगलुरु के लिए रवाना कर दिया। जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम ने मार्च में उदयपुर में हुई यूनिवर्सिटी की महिला हॉकी का ऑल इंडिया खिताब जीता था। इससे पूरे भारत में जीवाजी यूनिवर्सिटी का नाम हुआ था।
दरअसल ‘खेलो इंडिया प्रतियोगिता’ (Khelo India Competition) में शामिल होने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय की महिला हॉकी टीम का बेंगलुरु जाना 27 मार्च को ही तय हो गया था। वहीं प्रबंधन ने एडवांस की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। इससे टीम का जाने और लौटने का रिजर्वेशन नहीं हो पाया। जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इसका महत्व नहीं समझा। इसके कारण टीम बिना एडवांस के यहां से रवाना हुई। इस मामले की शिकायत जीवाजी विश्वविद्यालय महिला हॉकी टीम के मैनेजर केके तिवारी ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ईमेल के जरिए की है। वहीं इस मामले पर विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी ने संज्ञान लिया है।सभी कागजी प्रक्रिया को पूरा करने के साथ तत्काल टीम को एडवांस पहुंचाने के निर्देश अकाउंट डिपार्टमेंट को दिए हैं।
बता दें कि 24 अप्रैल रविवार से बेंगलुरु में शुरू हुई। प्रतियोगिता 3 मई तक खेली जाएगी। इसमें विभिन्न खेलों में देश भर के 189 विश्वविद्यालय के लगभग 3900 पुरुष और महिला खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
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