JNU Library Violence Video: जेएनयू में एक बार फिर हिंसा हुई है। जेएनयू में शनिवार (22 नवंबर) को सेंट्रल लाइब्रेरी में हुई हिंसा के बाद पूरा कैंपस गर्मा गया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की सेंट्रल लाइब्रेरी में लगाए गए नए ऑटोमैटिक फेस-रिकग्निशन एंट्री सिस्टम को शनिवार देर शाम कुछ वामपंथी छात्र संगठनों और जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) के पदाधिकारियों ने तोड़ दिया। आरोप है कि नई प्रवेश व्यवस्था पर विरोध जताते हुए JNUSU की उपाध्यक्ष गोपिका बाबू और कुछ छात्रों ने इस व्यवस्था का विरोध करते हुए गेट और मशीन को नुकसान पहुंचाया। इससे कैंपस का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। अभाविप ने वामपंथी संगठनों पर तोड़फोड़ और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है।
इधर जेएनयू की डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में फेस रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम तोड़ने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में आज (सोमवार) उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। इस पूरे मामले की रिपोर्ट जेएनयू कुलगुरु और प्रॉक्टर को सौंप दी गई है। इस तोड़फोड़ से करीब 15-20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी में बाहरी लोगों की आवाजाही रोकने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह एंट्री सिस्टम लगाया था। शनिवार को सिस्टम का विरोध करते हुए कुछ छात्रों ने हंगामा किया और गेट को क्षतिग्रस्त कर दिया। वही ABVP का कहना है कि विरोध के दौरान वामपंथी समूहों ने हिंसक तरीके से तोड़फोड़ की और लाइब्रेरी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। ABVP का आरोप है कि वामपंथी छात्र किसी भी प्रशासनिक फैसले का संवाद की बजाय हिंसक विरोध करते हैं, जिससे शैक्षणिक माहौल प्रभावित होता है। अभाविप का कहना है कि यह सिर्फ विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने की सुनियोजित कोशिश है। इस घटना की एबीवीपी जेएनयू ने कड़ी निंदा और प्रशासन से कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
बाहरी लोगों की एंट्री और सीट अलॉटमेंट मुद्दों पर बहस तेज
घटना के बाद कैंपस में बाहरी लोगों की मौजूदगी, सीटों के आवंटन की शिकायतें और प्रशासन की तैयारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। अभाविप का कहना है कि इन मुद्दों पर बहस हो सकती है और होनी भी चाहिए, लेकिन किसी भी स्थिति में हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता। उनका आरोप है कि वामपंथी संगठन वास्तविक छात्रों की समस्याओं पर कम, अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
यह हमला जेएनयू की पहचान पर- प्रवीण पीयूष
अभाविप जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष ने कहा कि लाइब्रेरी में तोड़फोड़ महज किसी गेट या मशीन को नुकसान पहुंचाना नहीं है। यह जेएनयू की शैक्षणिक संस्कृति पर सीधा प्रहार है। उनका कहना है कि अभाविप छात्रों के सुरक्षित और पढ़ाई-अनुकूल माहौल के लिए लगातार काम करता रहेगा और किसी भी तत्व को कैंपस का माहौल बिगाड़ने नहीं देगा। अभाविप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से दो प्रमुख मांगें की हैं। घटना में शामिल सभी लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए. भविष्य में किसी भी नई व्यवस्था को लागू करने से पहले छात्रों से औपचारिक और पारदर्शी संवाद हो।
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