जोधपुर। रेलवे के नियमों के आगे परंपरा का पालन न कर पाने से आहत एक व्यक्ति ने अपनी पीड़ा सीधे रेल मंत्री से की है। व्यक्ति ने ट्वीट कर रेलमंत्री से टीटीई की शिकायत की है। बता दें कि रिजर्वेशन के बाद भी टीटीई ने एक सीट किसी और को अलॉट कर दिया।
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बता दें कि संस्कारों और परंपरा का हवाला देते हुए जोधपुर के निवासी ने रेल मंत्री को टैग किया। दरअसल उनके परिवार में बुजुर्ग की मौत हो गई। अंतिम संस्कार के बाद उनका परिवार परंपरा के अनुसार अस्थियां विसर्जन के लिए हरिवद्वार के लिए निकले। परिवार ट्रेन संख्या 14888 बाड़मेर-ऋषिकेश एक्सप्रेस से हरिद्वार रवाना हुआ। परिवार के लोगों ने कुल 4 सीटे बुक कराई थी। इनमें से एक अस्थि कलश के लिए भी थी। मगर सफर के दौरान अस्थि कलश वाली सीट पर दूसरा यात्री आ गया। यात्री को यह सीट टीटीई ने आवंटित की थी। परिजनों का आरोप है कि उनसे पूछे बगैर ही टीटीई ने अस्थि कलश की सीट बेच दी।
रेलमंत्री से की समाधान की मांग
इस घटना से आहत हरीश ने ट्वीट कर रेलमंत्री से कहा कि जब उन्होंने पूरा किराया दिया था, हम अपने बुजुर्ग की अस्थियों के धार्मित मान्यता के अनुसार ले जा रहे थे। तब उनकी सीट अन्य को बेचने की जरूरत क्या थी। उन्होंने सवाल किया है कि हरीश ने रेल मंत्री से मांग की है कि रेलवे को ऐसी स्थिति में सीट अलॉट करनी चाहिए।
मारवाड़ में है पुरानी परंपरा
बता दें कि मारवाड़ में यह काफी पुरानी परंपरा है। मारवाड़ के लोग जब अस्थियां विसर्जन के लिए ट्रेन और सरकारी रोडवेज बस में सफर करते हैं। उस दौरान ट्रेन और बस में एक सीट मृतक के लिए भी रखते हैं। उसके लिए टिकट भी खरीदा जाता है। साथ ही रास्ते में हर बात का ध्यान रखा जाता है।
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