नई दिल्ली. जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी टैलकम पाउडर में कैंसर के तत्व होने के कारण दुनियाभर में वर्ष 2023 से इसकी बिक्री नहीं होगी. जॉनसन ने गुरुवार को बयान जारी कर यह ऐलान किया है.
कंपनी ने जुलाई में अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन को बताया था कि पाउडर को लेकर उसके खिलाफ अकेले अमेरिका में 40,300 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. इसमें आरोप लगाया गया था कि बेबी पाउडर में एस्बेस्टॉस (कार्सिनोजेन) जैसे तत्व हैं जिनसे कैंसर हो सकता है.
यह पाउडर वर्ष 1894 से दुनिया में बिक रहा था. 2018 में एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कंपनी को पहले से पता था कि पाउडर में कैंसर तत्व कार्सिनोजेन है. वर्ष 1971 से 2000 के बीच पाउडर के परीक्षण में कुछ हद तक कार्सिनोजेन मिला था. 123 साल पुराने पाउडर को बंद कराने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम लोगों ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया था.
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कंपनी की प्रवक्ता मेलिसा विट् ने कहा कि पाउडर की बिक्री को बंद करने का फैसला वैश्विक विश्लेषण के बाद किया गया है. इसमें मुख्य रूप से उत्पाद की मांग और उपभोक्ताओं की पसंद के आकलन के बाद फैसला लिया गया है.
33 हजार बोतलें वापस ली
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने 2020 में पुष्टि की थी कि जॉनसन के बेबी पाउडर में एस्बेसटॉस की कुछ मात्रा मिली थी. इसके बाद कंपनी ने पूरे अमेरिका से 33 हजार पाउडर के बोतलों को वापस मंगा लिया था.
कितने देशों में बिकते हैं?
कंपनी 60 से ज्यादा देशों में अपने उत्पाद तैयार करती है. इसके उत्पाद 175 से ज्यादा देशों में बेचे जाते हैं. भारत में जॉनसन से जुड़े उत्पादों का बाजार चार हजार करोड़ रुपये है.
कानूनी लड़ाई 350 करोड़ डॉलर खर्च
कपंनी को अबतक की कानूनी लड़ाई और मुआवजे में 350 करोड़ डॉलर का नुकसान हो चुका है. हालांकि कंपनी ने सभी कानूनी मुकदमे निपटाने के लिए अदालत के सामने 200 करोड़ डॉलर की पेशकश की थी जिसे अदालत ने खारिज किया था.
अमेरिका में 2020 से ही बिक्री बंद है
कंपनी ने अपना ये पाउडर वर्ष 2020 से ही अमेरिका और कनाडा में बेचना बंद कर दिया था. इस पर सफाई दी थी कि गलत आरोपों के तहत दर्ज हुए कानूनी मामलों के कारण उत्पाद की बिक्री घट गई है, इस कारण से बेचने का फैसला बंद किया गया है.
कंपनी का क्या जवाब?
पाउडर में कैंसर के तत्व होने के आरोपों को कंपनी नकारती रही है. वह दावा करती रही है कि उसका पाउडर पूरी तरह सुरक्षित है. इसमें कोई भी कैंसर कारक तत्व नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
दावे किए जाते रहे हैं कि बच्चों के इस पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने का खतरा है. जहां पाउडर तैयार होता है, वहीं एस्बेस्टस (अभ्रक) भी निकलता है. पाउडर में एस्बेस्टस के भी मिलने का खतरा रहता है. एस्बेस्टस शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है. 1971 से 2000 के दशक की शुरुआत तक, पाउडर में एस्बेस्टस की मात्रा पाई गई थी.
क्यों बंद करनी पड़ी ब्रिक्री?
पहले कंपनी ने अमेरिका और कनाडा में बिक्री बंद की. अब दुनिया में बिक्री बंद करने का फैसला लिया, इससे कंपनी खुद के फैसले से घिर गई है.
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