देहरादून: जोशीमठ पर छाया संकट गहराने से अब पूरा सरकारी तंत्र सक्रिय हो गया है. गढ़वाल आयुक्त, सचिव आपदा प्रबंधन सहित पूरी टीम ने शुक्रवार को जोशीमठ के प्रभावित वार्डों का दौरा किया. इस बीच जोशीमठ शहर में भूस्खलन की बढ़ती समस्या को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने जोशीमठ में एनडीआरएफ की टीम तैनात करने के निर्देश दिये हैं.
वहीं दूसरी ओर जानकारी सामने आई है कि जोशीमठ के सिंहधर वार्ड में भूस्खलन से एक मंदिर ढह गया. जमीन धंसने से मां भगवती का पौराणिक मंदिर एक मकान के ऊपर गिर गया, जिससे मकान की छत में दरारें आ गई. हालांकि किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है.
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीन सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूस्खलन के कारणों की जांच की जा रही है. टीम हर नजरिए से समस्या का आकलन कर रही है. घरों में दरारें चिंता का विषय हैं. हमारी तत्काल प्राथमिकता प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है.
स्थायी रूप से जो भी निर्माण कार्य हो सकता है, उसके लिए योजना तैयार की जाएगी. जल्द ही ड्रेनेज सिस्टम पर काम शुरू होने वाला है. साथ ही सभी घरों को सीवर से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार जोशीमठ शहर में भूस्खलन की समस्या को रोकने के लिए टीम हर कोण से जांच कर रही है.
प्रभावित क्षेत्र के आसपास सर्वे भी किया जाए
जोशीमठ में मिट्टी के कटाव को लेकर लोगों ने जोशीमठ शहर के आसपास के क्षेत्रों में भी गहन सर्वेक्षण कराने की मांग की है. प्रभावित सूरज का कहना है कि जोशीमठ के आसपास के इलाकों में भी सर्वे किया जाए, ताकि प्रभावित लोगों के रहने की समुचित व्यवस्था की जा सके. उन्होंने कहा कि जोशीमठ के आसपास के शेष सुरक्षित स्थानों की भी भूवैज्ञानिक जांच और भार क्षमता के लिए जांच की जानी चाहिए.
आदेश के खिलाफ बाइपास का काम जारी रखने का आरोप
जोशीमठ में भू-क्षरण की आपदा से त्रस्त प्रभावित लोगों ने हेलंग मारवाड़ी बाइपास पर कार्य कर रही भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बायपास का कार्य कंपनी द्वारा आदेशों की अवहेलना कर किया जा रहा है. गुरुवार को स्थानीय प्रशासन की ओर से मारवाड़ी बाईपास का काम बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
जोशीमठ के 603 घरों में दरारें
जोशीमठ में बेतरतीब निर्माण, पानी का रिसाव और मिट्टी का कटाव लोगों के लिए खतरा बन गया है. भगवती मंदिर भूस्खलन के कारण ढह गया. जानकारी के अनुसार सिंहधार वार्ड में यह पहला मामला है. अभी तक जहां शहर के घरों में दरारें आ रही थीं, लेकिन अब मंदिर गिरने से लोगों में दहशत और भी बढ़ गई है.
यहां के घरों में दिन प्रतिदिन दरारें बढ़ती जा रही हैं. नगर क्षेत्र में अब तक 603 मकानों में दरारें आ चुकी हैं और कई गिरने की कगार पर हैं, जिसके चलते प्रशासन द्वारा छह और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अब तक 44 परिवारों को यहां शिफ्ट किया जा चुका है. उनके घर पूरी तरह से ढहने की स्थिति में हैं.
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