रायपुर । छत्तीसगढ़ में एक तरफ मंत्री पत्रकारों के सवालों पर भड़क रहें हैं, तो वही दूसरी तरफ पुलिस भी बिना शिकायत के पत्रकारों के घर तक पहुचने लगी है. अब इसे क्या कहें राजनीतिक रसूख या फिर हर बार कि पत्रकारों के मामले पुलिस की जाने वाली जल्दबाजी. दरअसल दो दिन पहले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल किसानों के मामले किए गए सवाल पर एक टीवी रिपोर्टर पर भड़क गए थे. मंत्री जी ने रिपोर्टर से उसकी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहां तक पढ़ाई किए हो ये भी पूछ लिया था.
खैर बात ये है कि इस मामले पर सोशल मीडिया में मंत्री जी को लेकर पत्रकारों से लेकर आम लोग तरह-तरह के पोस्ट लिखने लगे. एक मीडिया साथी ने भी शालनीता के साथ मंत्री जी के दुर्व्यवहार की निंदा की. पत्रकार साथी सुधीर ने फेसबुक लिखा कि मंत्री जी का पत्रकारों से ये बर्ताव सही नहीं. उनके इसी पोस्ट पर संदीप नामक किसी अन्य व्यक्ति मंत्री जी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक कमेंट कर दी. उस शख्स का सुधीर के साथ कोई संबंध नहीं है. उस कमेंट की हम सब निंदा भी करते हैं और सुधीर ने भी आपत्ति जाहिर की थी.
लाजिम था वरिष्ठ मंत्री हैं, मंत्री के सैकड़ों के समर्थक हैं भड़केंगे. जैसे ही खबर मंत्री समर्थकों को लेकर बड़ी संख्या में युवा को मोर्चा वालों ने थाने जाकर मोर्चा संभाल लिया. सिविल लाईन थाने में संदीप की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने में बैंठ गए. आनन-फानन में पुलिस ने भी तुरंत ही आरोपी संदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरू कर दी.
यहां तक पुलिस की कार्रवाई तो ठीक थी. लेकिन वहीं फिर हर बार की तरह इस मामले में भी पुलिस ने राजनीतिक दवाब कहे या कोई अन्य कारण पत्रकार सुधीर के खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली. और देर रात ही पहुँच गए सुधीर के घर. हालांकि तब तक सुधीर ने खुद थाना प्रभारी से पूरे मामले में बातचीत कर ली थी. फिर भी सुधीर को दे रात ही थाना आने के दवाब बनाया गया. उससे कहा गया कि इस मामले में वो अपना बयान दर्ज कराए. बात में भी सुधीर ने पत्रकार साथियों से बातचीत की और वे थाने रात में नहीं गए.
दिन में जैसे ही ये बात प्रेस क्लब तक पहुँची पदाधिकारियों ने सुधीर के साथ आपात बैठक की. पत्रकार साथियों ने पुलिस की कार्रवाई कड़ी निंदा भी की. वहीं थाना प्रभारी से भी पदाधिकारियों ने बातचीत कर सुधीर को परेशान नहीं करने को कहा.