रायपुर. राज्य अतिथि गृह ‘पहुना‘ में न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता में गठित ‘छत्तीसगढ़ पत्रकार सुरक्षा कानून‘ निर्माण समिति ने पत्रकारों, पत्रकार संगठनों एवं सामाजिक संगठनों से प्रस्तावित कानून के प्रारूप पर चर्चा की. इस दौरान संगठनों और पत्रकारों ने अपने स्तर पर सुझाव भी दिए.

रायपुर के अब ये कमेटी रविवार को जगदलपुर में और सोमवार को अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा करेगा. इससे पहले कमेटी की बैठक हुई, जिसमें अन्य बिंदुओं पर चर्चा की. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर न्यायधीश आफताब आलम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी ने इस कानून को लेकर एक ड्राफ्ट बनाया है. जिस पर ये चर्चा हो रही है.

इस संबंध में ड्राफ्ट को वेबसाइट पर अपलोड किया गया है, और इस पर सुझाव मांगे गए थे. ये सुझाव जिला जनसंपर्क अधिकारियों के पास जिला स्तर पर और सीधे  मेल के माध्यम से मांगे गए थे.

रायपुर प्रेस क्लब ने ये सुझाव दिए-  

  1. पत्रकार सुरक्षा कानून पूर्णत: सुस्पष्ट होना चाहिए. इसमें किसी प्रकार का विरोधाभास नहीं होना चाहिए. किसी भी उपबंध का दूसरे उपबंध से टकराव की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए.
  2. पत्रकार सुरक्षा कानून में राज्य के सभी क्षेत्रों की परिस्थिति के अनुसार व्यापक सतर्कता एवं संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
  3. राज्य में ठोस पत्रकार सुरक्षा कानून अपेक्षित है. इसमें राजनीतिक, प्रशासनिक कारणों से पत्रकारों के सुरक्षात्मक हित किसी भी स्थिति में प्रभावित न हों, यह व्यवस्था विशेष रूप से की जानी चाहिए.