कुमार इंदर, जबलपुर। अपनी मांगों को लेकर सप्ताह भर से चरणबद्ध आंदोलन कर रही नर्सों को अब जूनियर डॉक्टरों का समर्थन मिल गया है। जूडा ने नर्सों की मांगों को मानने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है।

जूडा ने नर्स आंदोलन का अपना समर्थन देते हुए कहा है कि जूडा नर्सों के साथ खड़ा है, सरकार को नर्सों की मांगे मानना चाहिए। जूडा अगर नर्सों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई की जाती है तो जूडा नर्सों के साथ है।

आपको बता दें नर्स एसोसिएशन पिछले एक सप्ताह से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। अपने एक सप्ताह के प्रदर्शन के दौरान नर्सें काली पट्टी लगान काम करने के साथ ही ताली थाली और शंख बजाकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। नर्स एसोसिएशन से ने मांगे नहीं माने जाने पर सरकार को अल्टीमेटम दिया है, जिसके तहत 22 जून को प्रदेश की 50 हजार नर्सें सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन करेंगी वहीं 24 जून से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी।

ये है मांगें

नर्स एसोसिएशन की मांग है कि उनका पदनाम परिवर्तित कर स्टाफ नर्स को नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंग सिस्टर को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर पदनाम दिया जाए। दूसरे प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश में भी नर्सों को ग्रेड 2 का दर्जा देने के साथ ही रात्रिकालीन चिकित्सा भत्ता दिया जाए। मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग कर्मचारियों को तीन एवं चार वेतनवृद्धि दी जाए। मेल नर्सों को भर्ती किया जाए। अस्पताल प्रबंधन का विभागीय कोर्स करने वाले नर्सों को सहायक अस्पताल प्रबंधक की जिम्मेदारी दी जाए। मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत आने वाले नर्सों का जीपीएफ काटा गया है लेकिन आज तक उन्हें नंबर आबंटित नहीं किया गया है जिससे उन्हें उनके काटे गए पैसों का लेखा जोखा नहीं मिल पा रहा है, उनके पैसों को नियमानुसार जमा कर उन्हें उसका लाभ दिलाया जाए।

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