हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों (जूडा) लगातार संघर्ष कर रहे हैं. इसी कड़ी में इंदौर के एमवाय अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. जूडा ने यह कैंडल मार्च एमवाय अस्पताल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज तक निकाला.

दरअसल पिछले 3 दिनों से लगातार पूरे प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. अब तक सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी है. जूनियर डॉक्टर का कहना है कि सरकार ने उनके चार प्रमुख मांगे मान ली है. जिसमें स्टाइपेंड और सुरक्षा शामिल है, लेकिन अब तक इसको लेकर सरकार ने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किए हैं.

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उनका यह भी कहना है कि उनके जूडा अध्यक्ष घर पुलिस भेजी गई है. जब पूरे कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहे हैं तो पुलिस भेजकर सरकार क्या साबित करना चाहती है. अगर अब भी सरकार ने जूडा की मांगे नहीं मानी तो आगे भी ये हड़ताल जारी रहेगी.

बता दें कि इसके पहले जूनियर डॉक्टरों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था और कहा था कि 30 मई तक आदेश नहीं निकाला गया तो 31 मई से हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद भी अब तक कोई लिखित आदेश नहीं निकला है. जूडा ने कहा था कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री को आश्वासन दिये 5 महीने पूरे होने जा रहे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक मांगे नहीं मानी. उन्होंने कहा कि वे तब तक नहीं रुकेंगे जब तक उनकी सारी मांगों के लिखित आदेश नहीं आ जाते.

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ये है मांगें

  • सरकार की ओर से 6% सालाना मानदेय बढ़ाने का वायदा पूरा किया जाए
  • जूनियर डॉक्टरों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए
  • कोरोना के दौरान प्रति महीने 10 हज़ार रुपये मानदेय देने का वायदा पूरा किया जाए
  • जूनियर डॉक्टर्स को ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए
  • कोरोना काल में सेवा के लिए प्रशस्ती पत्र दिया जाए जिसका फायदा सरकारी भर्तियों में मिले

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