जयपुर- अपने कार्यकाल के अंतिम दिन गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव देने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेशचंद्र शर्मा की एक और टिप्पणी ने सोशल मीडिया में बवाल मचा दिया है। जज ने कहा कि राष्ट्रीय पक्षी मोर सेक्स नहीं करते।
दरअसल बुधवार को हिंगोनिया गौशाला के मामले में सुनवाई करते हुए जज ने यह टिप्पणी की। उन्होंने सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु और गौवध करने वाले को उम्र कैद की सजा का सुझाव दिया था। अपने सुझाव के तर्क में उन्होंने गाय की तुलना मोर से करते हुए दोनों की प्रजातियों को पवित्र बताया था।
जज साहब ने मोर की पवित्रता का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा था, “मोर ताउम्र ब्रम्हचारी रहता है वह कभी सेक्स नहीं करता और मोर के आंसुओं को पीने से मोरनी गर्भवती होती है”।
खुद को भगवान शिव का भक्त बताने वाले जज साहब ने अपनी बात को सत्य साबित करने के लिए भगवान को भी शामिल कर लिया, उन्होंने कहा कि चूंकि मोर ब्रम्हचारी होता है, इसलिए भगवान कृष्ण उसके पंख को अपने शीश पर स्थान देते थे।
जज साहब की इस टिप्पणी के बाद फेसबुक और ट्वीटर में इस मुद्दे पर बहस जारी हो गई, कुछ लोगों ने तो बकायदा वीडियो तक डाल दिया।