विश्व प्रसिद्ध ताड़ोबा में बाघों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि बाघों के दर्शन की गारंटी के चलते ताड़ोबा में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यहां के मटकासुर, मोगली, बबली, झाइलो, जूनाबाई नामक बाघ-बाघिन पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
जूनाबाई नामक बाघिन ने हाल ही में 2 शावकों को जन्म दिया है. यह उनकी छठवीं पीढ़ी है. इससे ताड़ोबा में बाघों की संख्या में बढ़ गई है. खास बात यह है कि पिछले साल ताड़ोबा आए क्रिकेट के बाघ कहे जाने वाले तेंदुलकर को भी ताड़ोबा की बाधिन जूनाबाई ने आकर्षित किया था. जूनाबाई बाघिन की उम्र लगभग 11 से 12 वर्ष है. इन 11 वर्षों में उसने लगभग 19 शावकों को जन्म दिया है. जूनाबाई के इन दोनों शावकों का पिता टी-178 यानी जाइलो नाम का बाघ बताया जा रहा है. जूनाबाई व उसके शावकों को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक मदनापुर गेट से सफारी पर जाना पसंद करते हैं.
19 शावकों को दिया जन्म
पहली बार 3
दूसरी बार 4
तीसरी बार 3
चौथी बार 4
पांचवीं बार 3
छठवीं बार में 2 शावक जन्में
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