राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज सातवां दिन है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि सरकार संवाद के लिए समय ही नहीं दे रही है। जूडा अध्यक्ष डॉ अरविंद मीणा ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि जूडा ने चर्चा के लिए सरकार से समय मांगा है लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे बातचीत के लिए समय दें ताकि हड़ताल समाप्त हो सके।
आपको बता दें जूडा 31 मई से अपनी 6 महीने पुरानी लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर है। जूडा की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें 24 घंटे में काम पर वापस लौटने का अल्टीमेटम दिया था लेकिन 48 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी जूडा ने हड़ताल वापस नहीं ली। हाईकोर्ट ने सरकार को तय समय मेें काम पर नहीं लौटने की स्थिति में जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश भर में 3500 जूनियर डॉक्टरों ने अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया था। जूनियर डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद जीएमसी भोपाल ने 28 जूनियर डॉक्टरों का इस्तीफा मंजूर कर लिया था और उन्हें हॉस्टल खाली करने के साथ ही बॉण्ड का 30-30 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।
ये है मांगें
- सरकार की ओर से 6% सालाना मानदेय बढ़ाने का वायदा पूरा किया जाए
- जूनियर डॉक्टरों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए
- कोरोना के दौरान प्रति महीने 10 हज़ार रुपये मानदेय देने का वायदा पूरा किया जाए
- जूनियर डॉक्टर्स को ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए
- कोरोना काल में सेवा के लिए प्रशस्ती पत्र दिया जाए जिसका फायदा सरकारी भर्तियों में मिले
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