शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर द्वारा सुसाइड की घटना से पूरे कॉलेज में सनसनी फैल गई। मृतक डॉक्टर सरस्वती जीएमसी के गयानी विभाग से पीजी कर रही थी।
जानकारी के अनुसार डॉक्टर सरस्वती ने कोहेफिजा स्थित फ्लैट पर सुबह 6 बजे सुसाइड किया है। सूत्रों के मुताबिक एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर की आत्महत्या की है। आत्महत्या क्यों की इसका कारण अज्ञात है। बताया जाता है कि डॉक्टर का पति कर रहा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। आंध्रप्रदेश की रहने डॉ सरस्वती प्रेंग्नेंट थी। उनके द्वारा इस तरह का घातक उठाने से परिजन सहित कॉलेज स्टाप भी सख्ते में है। सरस्वती की पीजी की पढ़ाई लगभग पूरी होने वाली थी।
मृतका डॉ सरस्वती अपने पति के साथ कोहेफिजा स्थित अपार्टमेंट में रहती थी। पड़ोसियों ने कहा कि पति पत्नी के बीच में कभी भी झगड़े नहीं हुए बल्कि सरस्वती गर्भवती भी थी। कल रात पति और सरस्वती घर वापस लौटे, सुबह अचानक से रोने की आवाज आई। पति ने लोगों को बुलाया और कहा कि देखिए कुछ हो गया है। पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाई गई तब तक सरस्वती पर एनेस्थीसिया के डोस का लोड काफी ज़्यादा हो चुका था। सुबह छह बजे जब पति दूसरे कमरे में सो रहा था तब सरस्वती ने अलग कमरे में बैठकर खुद को एनेस्थीसिया दिया था।
ACP उमेश कुमार तिवारी का बयान
एसीपी उमेश कुमार ने बताया कि- डॉक्टर सरस्वती पीजी गायनी की तीसरे वर्ष की छात्रा और 14 हफ्ते के गर्भ से थी। उसके बेड के पास 2 एनेस्थीसिया इंजेक्शन मिले है। देर रात पति पत्नी अलग अलग कमरों में सोए थे, सुबह पति ने पत्नी को पूजा वाले कमरे में अचेत हालत में देखा। उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर जिया। बैंगलोर से परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम होगा।फिलहाल मृतिका का मोबाइल पुलिस ने जांच के लिए जब्त कर लिया है। पुलिस के अनुसार सुसाइड नोट नहीं मिला है।फिलहाल पति ने किसी भी तरह के विवाद से इंकार किया है।
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