ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब एक ही माह में दो प्रमुख ग्रह अपनी चाल बदलते हैं, तो इसका प्रभाव सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर देखने को मिलता है. जहां एक ओर कुछ लोगों को नए अवसर प्राप्त होंगे, वहीं कुछ को अपने कर्मों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनना होगा.

इसलिए नवंबर के ये दिन न केवल ज्योतिष प्रेमियों के लिए बल्कि हर राशिवालों के लिए आत्ममंथन और सुधार का विशेष समय लेकर आए हैं. 11 नवंबर को देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री हो रहे हैं, जबकि 28 नवंबर को न्याय के देवता शनि अपनी मीन राशि में मार्गी होंगे. इन दोनों ग्रहों के परिवर्तन से समस्त राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.

बृहस्पति का वक्री होना ज्ञान, धन, भाग्य और धार्मिकता से जुड़े मामलों में पुनर्विचार का समय दर्शाता है. जिन लोगों की कुंडली में गुरु शुभ स्थान पर हैं, उनके अटके कार्यों में प्रगति की संभावना बनेगी. खास तौर पर कर्क, मीन, धनु और मकर राशि वालों को इसका शुभ फल मिलेगा. वहीं, मिथुन, कन्या और तुला राशि के जातकों को निर्णय लेते समय सावधानी रखनी होगी.

दूसरी ओर, शनि का 28 नवंबर को मार्गी होना कर्म के फल और न्याय से जुड़ी परिस्थितियों को स्थिर करेगा. लंबे समय से चल रही रुकावटें अब दूर होने लगेंगी. कुंभ, मीन और वृषभ राशि के लोगों को करियर और वित्तीय मामलों में राहत मिल सकती है. वहीं सिंह और वृश्चिक राशि वालों को आत्मनिरीक्षण की जरूरत रहेगी.