चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी ने सोमवार को हाईकोर्ट के 32वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने न्यायमूर्ति भंडारी को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की मौजूदगी में शपथ दिलवाई।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद, राज्य के महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरन ने उच्च न्यायालय परिसर में रजिस्ट्री द्वारा आयोजित एक आधिकारिक समारोह में मुख्य न्यायाधीश का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए अधिवक्ताओं को धैर्यपूर्वक सुना और अधिवक्ताओं के साथ मामलों के शीघ्र निपटान और निष्पक्ष काम के लिए बार की ओर से काफी प्रशंसा प्राप्त की है।

मुख्य न्यायाधीश ने अपने जवाब में कहा कि वह खुद को भाग्यशाली समझते हैं कि उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय में दूसरी बार स्वागत का मौका मिला। वह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालने के दौरान मिले स्वागत का जिक्र कर रहे थे।

उन्होंने कहा, “सबसे महान और अग्रणी संस्थानों में से एक मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होने के अलावा मैं और क्या विशेषाधिकार प्राप्त कर सकता हूं।” उन्होंने कहा कि वह राज्य के आम आदमी को न्याय दिलाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि वह बार के सामने आने वाली समस्याओं से अवगत हैं और उन्हें हल करने की पूरी कोशिश करेंगे। मुख्य न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और निचली अदालत के न्यायाधीशों से अधिक से अधिक मामलों को निपटाने के लिए और अधिक जोश दिखाने का भी आह्वान किया।

मई 1980 में एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले भंडारी को जुलाई 2007 में राजस्थान उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। मार्च 2019 में, उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्हें 22 नवंबर, 2021 को मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।