रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों और राज्य में नक्सल क्षेत्र के अन्य निवासियों के खिलाफ मामलों की समीक्षा के लिए नियुक्त समिति इस महीने से अपना काम शुरू कर देगी. समिति 23,000 से अधिक आदिवासियों से जुड़े मामलों की समीक्षा करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक की समिति 30 और 31 अक्टूबर को रायपुर में पहली बार बैठक करेगी. समिति पुलिस द्वारा विभिन्न मामलों में आरोपी बनाए गए 16,475 से अधिक आदिवासियों के मामलों के अलावा बीजापुर, सुकमा और बस्तर जिलों में 6,743 अंडर ट्रायल आदिवासियों के प्रकरणों को देखेगी. समिति प्रकरणों की समीक्षा के बाद गुण-दोष के आधार पर राज्य सरकार को प्रकरण की वापसी के लिए या फिर से उन पर विचार करने के लिए लिखेगी.
तय किए गए शर्तों के मुताबिक समिति को जिन प्रकरणों में मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं मिलता तो उन मामलों को वापस लेने का प्रस्ताव देगी, वहीं जिन मामलों में पुलिस अभी तक कोर्ट में मामला नहीं रख पाई है, उसमें मामला को रद्द करने या फिर दंड संहिता के मद्देनजर उचित प्रक्रिया बताएगी. समिति के प्रस्तावों को स्वीकार करने या नहीं करने का फैसला राज्य सरकार का होगा.