रायपुर. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शुक्र ग्रह की अनुकूलता से व्यक्ति भौतिक सुख पाता है. जिनमें घर, वाहन सुख आदि समिल्लित है. इसके अलावा शुक्र यौन अंगों और वीर्य का कारक भी माना जाता है. शुक्र सुख, उपभोग, विलास और सुंदरता के प्रति आकर्षण पैदा करता है.
विवाह के बाद कुछ समय तो गृहस्थी की गाड़ी बढिय़ा चलती रहती है, किंतु कुछ समय के बाद ही पति पत्नि में कलह झगडे, अनबन शुरू होकर जीवन नारकीय बन जाता है. इन स्थितियों के लिये भी जन्मकुंडली में मौजूद कुछ योगायोग जिम्मेदार होते हैं. अत: विवाह तय करने के पहले कुंडली मिलान के समय ही इन योगायोगों पर अवश्य ही दॄष्टिपात कर लेना चाहिये. लेकिन यदि आपको ज्योतिश विज्ञान के मुताबिक आपकी सेक्स लाइफ के बारे में जानना है तो ये खबर पूरी पढ़े.
शरीर के अंगों से जानें स्त्री की सेक्स लाइफ
- जिस स्त्री के तलुवे कोमल, एड़ी कोमल व गोलाई लिए हो और जिसे पैरों में पसीना न आता हो, उसकी सेक्स जीवन काफ़ी अच्छी होती है.
- गोल, भरे-भरे अंगूठे और पैर की दूसरी उंगली अंगूठे से बड़ी हो, तो उस स्त्री का मन चंचल होता है. वह एक से अधिक पुरुषों से संबंध बनाने में दिलचस्पी रखती है.
- पैर की तर्जनी उंगली अंगूठे से अधिक लंबी हो, तो वह शादी से पहले ही सेक्स संबंध स्थापित कर सकती है.
- हृष्ट-पुष्ट और चिकने पैरवाली महिलाओं की सेक्स लाइफ किसी राजरानी की तरह हो सकती है.
- हृष्ट-पुष्ट टखने भी सुखकारक होते हैं.
- जिसकी जांघें चिकनी, कोमल, रोमरहित व हृष्ट-पुष्ट हों, वे अपने पार्टनर को सेक्स में अच्छा सहयोग देती है और ख़ुद भी सेक्स का आनंद उठाती है.
- मांसरहित घुटनेवाली स्त्री स्वतंत्र विचारोंवाली और चंचल मन की होती है. ये एक से अधिक पार्टनर से भी संबंध रखने में झिझकती नहीं, लेकिन इनको गुप्त रोगों का भय होता है.
- पतली कमर, गोल नितंबवाली महिलाएं सेक्स में माहिर होती हैं. मांसल और भरे हुए चौड़े नितंबवाली स्त्री भोगी प्रकृति की मानी गई है.
- जिनके अंडरआर्म्स में पतले कोमल रोएं हों और जिनके ब्रेस्ट पुष्ट हों, वे भी सेक्स क्रिया में अच्छी मानी जाती हैं.
- होंठों के आकार से भी सेक्स लाइफ का पता चलता है. जिस स्त्री का ऊपरी होंठ मोटा हो, तो वो सेक्स में दिलचस्पी रखनेवाली होगी और अगर निचला होंठ मोटा हो, तो किस करने की दृष्टि से उसके होंठ आकर्षक माने जाएंगे.
तिल के निशान से जानें सेक्स लाइफ
- तिल के संदर्भ में भी ज्योतिष शास्त्र में उल्लेख किया गया है. नाक में तिल तथा जांघों में लाल तिलवाली स्त्री के अन्य पुरुष से संबंध हो सकते हैं.
- कनिष्ठिका उंगली के नीचे काला तिल प्रेमी से बिछड़ने का संकेत है.
- हाथ के शुक्रपर्वत पर काले तिलवाली स्त्री छोटी उम्र से ही सेक्स-संबंधों में लिप्त हो जाती हैं. इन्हें गुप्तांग रोग हो सकते हैं.
- विवाह रेखा का काला तिल दांपत्य जीवन के ख़राब होने का प्रतीक है.
- अंगूठे की जड़ में स्थित काला तिल गर्भपात का संकेत देता है.
- गालों में तिल या स्तनों में तिलवाली महिला अपने पति की प्रिय होती है.
- स्त्री के गुप्तांग में चिह्न, तिलादि हों, तो उस स्त्री का यौन-संबंध प्रायः राजकीय अधिकारी से होता है.
- जिस नारी के बाएं गाल पर तिल होता है, ऐसी महिलाओं को सेक्स में अलग-अलग पोज़ीशन्स व विभिन्नता पसंद होती है.
- जांघ पर तिलवाली स्त्रियां भौतिकवादी होती हैं. ऐसी युवतियां सेक्स को इच्छातृप्ति का साधन समझती हैं.
- अंगूठे के मूल में दो क्रॉस के चिह्न हों, तो महिला को यौन संबंधों के कारण जननेन्द्रिय रोगों की संभावना होती है और ऐसी महिला का कई पुरुषों से संबंध हो सकता है.
क्या कहती हैं हाथ की रेखाएं?
- जिस स्त्री की मध्यमा उंगली की रेखा कटी हो, वह अधिक पुरुषों से संबंध बनाती है.
- मन रेखा युक्त अंगूठेवाली स्त्री के कई पुरुष मित्र होते हैं.
- रति-रेखावाली स्त्री का जीवनसाथी से लगाव और वैवाहिक जीवन सुखद होता है.
- रति रेखा के ऊपर-नीचे रेखाएं हों, तो ऐसी स्त्री के कई प्रेमी होते हैं और वह सेक्स क्रिया में निपुण होती है.
- मोटी तथा भद्दी रति रेखावाली स्त्री सेक्स से संबंधित बातों से अनजान-सी होती है, जबकि पतली रेखा सेक्स-सुख प्राप्ति की प्रतीक है.
- रति रेखा टूटी हो, तो स्त्री के पति का अन्य स्त्री में यौनाकर्षण होता है.
- रति रेखा खंडित हो, तो रोगों का भय होता है.
- जिस स्त्री के अंगूठे के मूल से नीचे तक चक्राकार मोटी रेखा हो, ऐसी स्त्री परपुरुषों में रुचि रखनेवाली, स्वतंत्र विचार व व्यवहार करनेवाली होती है.
- शुक्र क्षेत्र पर रेखाएं विपरीत लिंगियों से शारीरिक संबंधों का संकेत देती हैं.
- जीवन रेखा और हृदय रेखा के मध्य जाल का चिह्न गर्भाशय की बीमारियों- प्रदर रोग आदि का संकेत देती है