Kali Gunja Remedies : गुंजा यह एक ऐसा बीज है जो बहुत ही दुर्लभता सा मिल पाता है. ऐसे तो आज कल पूजा सामग्री की दुकानों पर मिल जाता है. लाभकारी गुणों से भरपूर गुंजा जो कि एक फल्ली का बीज है. इसको धुंघची, रत्ती आदि नामों से भी जाना जाता है. इसकी बेल काफी कुछ मटर की तरह ही होती है किन्तु अपेक्षाकृत मजबूत कड़क तने वाली होती है. इसे कहीं कहीं आप सुनारों की दुकानों पर देख सकते हैं. कुछ वर्ष पहले तक सुनार इसे सोना तोलने के काम में लेते थे, क्योंकि इनके प्रत्येक दाने का वजन लगभग बराबर होता है करीब 120 मिलीग्राम. ये हमारे जीवन में कितनी बसी है, इसका अंदाज़ा मुहावरों और लोकोक्तियों में इसके प्रयोग से लग जाता है.
गुंजा बीज तांत्रिकों के लिए तंत्र शास्त्र में जितना मशहूर है. उतनी ही आयुर्वेद में भी उपयोग किया जाता है. आयुर्वेद में श्वेत (सफेद) गूंजा का अधिक प्रयोग होता है औषधि रूप में साथ ही इसके मूल का भी जो मुलैठी के समान ही स्वाद और गुण वाली होती है. इसी कारण कई लोग मुलैठी के साथ इसके मूल की भी मिलावट कर देते हैं. वहीं रक्त (लाल) गूंजा बेहद विषैली होती है. काली गुंजा दुर्लभ होती है, आयुर्वेद में भी इसके प्रयोग लगभग नहीं ही मिलता हैं, लेकिन तंत्र प्रयोगों में ये बेहद महत्वपूर्ण माना जाता हैं.
गुंजा के अद्भुत उपाय (Kali Gunja Remedies)
संतान की प्राप्ति
शुभ मुहुर्त में सफेद गुंजा की जड़ लाकर गाय के दूध से धोकर, सफेद चन्दन, पुष्प, धुप दीप से पूजा करके सफेद धागे में पिरोकर. “ऐं क्षं यं दं” मंत्र के ग्यारह हजार जाप करके स्त्री या पुरूष धारण करे तो निश्चिं ही संतान सुख की प्राप्ति होती है.
जीवन भर सम्मान मिलेगा
शुद्ध जल (गंगाजल, कुएं का जल या अन्य तीर्थों का जल) में गुंजा की जड़ को चंदन की भांति घिसें. अगर संभव हो तो किसी वेदपाठी ब्राह्मण या कुंवारी कन्या के हाथों से घिसवायें. यह लेप माथे पर चंदन की तरह लगायें. ऐसा व्यक्ति सभा-समारोह आदि जहां भी जायेगा, उसे वहां विशिष्ट मान सम्मान मिलेगा.
व्यवसाय, कारोबार या नौकरी में बरकत होगी
किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार के दिन 1 तांबे का सिक्का, 6 लाल गुंजा बीज कोरे लाल कपड़े में बांधकर सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच में किसी सुनसान जगह में अपने ऊपर से 11 बार उतार कर 11 इंच गहरा गङ्ढा खोदकर उसमें दबा दें. ऐसा 11 बुधवार करें. दबाने वाली जगह हमेशा नई होनी चाहिए. इस प्रयोग से व्यवसाय कारोबार या नौकरी में बरकत होगी, घर में धन का कभी भी अभाव नहीं होगा.
ज्ञान-बुद्धि प्रदायक
गुंजा-मूल को लाल या काली बकरी के दूध में घिसकर हथेलियों पर लेप करे, रगड़े कुछ दिन तक यह प्रयोग प्रतिदिन करते रहने से व्यक्ति की बुद्धि, स्मरण-शक्ति तीव्र होने लगती है, चिंतन, धारणा आदि शक्तियों में प्रखरता व तीव्रता आने लगेगी. यदि सफेद गुंजा के 11 या 21 दाने अभिमंत्रित करके विद्यार्थियों के कक्ष में उत्तर पूर्व में रख दिया जाये तो एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति? में गजब का लाभ होता है.
वर-वधू की रक्षा के लिए
विवाह के समय लाल गुंजा वर के कंगन में पिरोकर पहनायी जाती है. यह तंत्र का एक प्रयोग है, जो वर की सुरक्षा, समृद्धि, नजर-दोष निवारण एवं सुखद दांपत्य जीवन के लिए है. गुंजा की माला आभूषण के रूप में पहनी जाती है.
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