रायपुर. कालीबाड़ी स्कूल रायपुर 1997 बैच का मिलन और रजत जयंती समारोह शाला प्रांगण में रविन्द्र मंच में आयोजित किया गया था. इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए छात्रों का एक समूह विगत 6 माह से तैयारियों में जुटा हुआ था. सभी कार्यक्रमों को करने के लिए अलग-अलग कमिटी बनाई गई थी, शिक्षकों और छात्रों को आमंत्रित करने के लिए अमित उपाध्याय, डॉ अनुराग अग्रवाल, नीलरतन कर्मकार, वैभव शर्मा को जवाबदारी दी गई थी. इस कार्यकम में लगभग 125 छात्रों जो कि देश के विभिन्न शहरों, महानगरो और विदेशों से आए छात्रों की उपस्थिति दर्ज कराई है.

गणेश स्तुति व काली पूजा कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया

सभी मित्र सर्वप्रथम कालीबाड़ी स्कूल में स्थित काली मंदिर प्रांगण में जमा हुए. जहां पर भगवान श्री गणेश व जगत जननी मां काली की आराधना कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

ढोल नगाडो के साथ शिक्षको का हुआ स्वागत

शिक्षकों के आगमन पर ढोल नगाडो के साथ आरती उतार कर उनका स्वागत किया गया और उन्हें सम्मान के साथ स्कूल के स्टाफ रूम में बिठाया गया, जो शिक्षक दिवंगत हो चुके थे उनके स्वजनो को भी आमंत्रित किया गया था.

पंजीयन में दिया गया टाई और आई कार्ड

सभी छात्र प्रातः 9 बजे से स्कूल ड्रेस में आना चालू हो गए थे, पंजीयन के साथ सभी छात्रों को स्कूल का आई कार्ड और टाई दे कर पुरानी यादें ताजा करायी गई. साथ ही पुरानी यादे ताजा करने के लिए स्कूल के दिनों में स्कूल के बाहर भेल का ठेला लगाने वाले भवानी भेल वाले दादा के लड़के और नारायण समोसा वाले को बुलाया गया था जिसका सभी ने जमकर लुफ्त उठाया.

छात्रों ने किया प्रेयर, शिक्षको ने लिया अटेंडेंस

प्रातः 10:50 मिनट पर स्कूल की घंटी के टन टन के साथ शुरू हुआ स्कूल की सुनहरी यादो का सफर, घंटी बजाते ही सभी छात्र लाइन बना कर प्रार्थना के लिए खड़े हुए जिसके बाद शिक्षको के द्वारा सावधान-विश्राम के साथ स्कूल में होने वाली प्रार्थना और राष्ट्र गान कराया गया. प्रार्थना करने के बाद सभी छात्र लाइन से अपनी अपनी कक्षाओं में गए जहां उन्होंने 25 साल पहले की यादो को ताजा किया सभी ये बोलते दिखे की मैं वहाँ बैठा करता था और मेरे बाजू में ये बैठता था, ठीक उसी क्रम में उन्ही दोस्त के बाजु में बैठ कर सभी भाव विभोर हो गए, ठीक उसी समय शिक्षक के क्लास में प्रवेश करते साथ ही सभी छात्र अचंभित हो गए सभी ने सर का अभिवादन खड़े हो कर किया जिसके बाद शिक्षको ने सभी छात्रो की उपस्थिति ली और जो छात्र देर से कक्षा में आये उन्हें घुटने टेकाए गए, हालाकि तुरंत ही उन्हें अपने स्थान पर बैठने कह दिया गया, लेकिन इन सभी से छात्रों के जेहन में पुरानी यादे ताजा हो गई. लगभग आधे घंटे क्लास में शिक्षक के साथ समय बिताने के बाद सभी छात्रो का ग्रुप फोटो लिया गया.

ढोल बाजे और पुष्प वर्षा के साथ शिक्षको का किया सम्मान

अब बारी आई, मुख्य कार्यक्रम की जिसके तहत सभी शिक्षको को स्टाफ रूम से रविन्द्र मंच तक ढोल बाजे और पुष्प वर्षा के साथ ले जाया गया और कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत सरस्वती माता और सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की पूजा और दीप प्रज्वलित कर की गई सभी शिक्षको का बारी -बारी शाल, श्रीफल, मोमेंटो, पौधे व उपहार से सम्मान किया गया, हर शिक्षको के सम्मान के लिए 7 से 8 छात्रो के समूह को मंच पर बुलाया गया था. इस अवसर पर शाळा समिति के पदाधिकारियों का भी सम्मान किया गया.

दोस्ती का सफरनामा किताब, वृक्षारोपण और वेबसाइट का हुआ विमोचन

छात्रो की व्यक्तिगत जानकारी और उनके द्वारा दोस्तों को किस तरीके से मदद कर सकते है उस पर आधारित एक किताब का विमोचन किया गया. पुस्तक में लगभग 150 छात्रो का बायो डाटा, छात्र राज किशोर अग्रवाल, अनिर्बन चटर्जी, भुवनेश रामपुरिया के अथक मेहनत के फलस्वरुप एकत्रित हो पाई. साथ ही रीयूनियन की एक वेबसाईट www.kalibadi1997.in का भी विमोचन डे मैडम के द्वारा किया गया, वेबसाइट को बनाने में छात्र गौरव जैन का भरपूर योगदान रहा. छात्रों के द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया.

गुरुजनों के सम्मान में प्रस्तुत किया गया नाटक

इस अवसर पर छात्रो द्वारा शिक्षको के सम्मान व महत्व को दर्शाते एक नाटक का मंचन भी किया गया जिसको देखकर सभी की आंखे नम हो गई, साथ ही दोस्तों के लिए दोस्ती थीम पर एक डांस की प्रस्तुती दी गई, जिसमें मुख्य रुप से रितेश झंवर, आनंद बहेती, कमल धनगर, रजनीश अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, रीतेश पारपाणी, मनीष सोनी ने प्रस्तुति दी इस अवसर पर शिक्षको ने भी गीत गा कर महफिल सजा दी, अवचार सर द्वारा छूकर मेरे मन को और फूलो का तारो का सबका कहना है. गीत गाया तो वही राहा सर ने जब कोई बात बिगड़ जाए. गीत गा कर सभी को मन्त्र मुग्ध कर दिया. इस पुरे समय में छात्र मंच और सभा स्थल पर झूमते नजर आये वही आर के तिवारी सर भी मंच पर छात्रों के साथ झूमते हुए नजर आए.

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

इस पुरे कार्यक्रम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए संस्था से पधारे सोनल शर्मा और उनकी टीम ने देखा और सबसे ज्यादा विजिटिग कार्ड एक्सचेंज करने के रिकॉर्ड के लिए त्वरित सर्टिफिकेट प्रदान किया गया और हमारे द्वारा ऐसे रीयूनियन कार्यक्रम में सबसे ज्यादा प्रतिभागी होने का दावा प्रस्तुत किया गया जिसका प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन के बाद देने का आश्वासन संस्था के द्वारा दिया गया, छात्रों ने उस दिन दो उपलब्धियों को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया.

शाला के लिए छात्रो ने दिया योगदान

छात्रो द्वारा शाळा के एक कक्षा का जीर्णोधार किया जा रहा है जिसमे क्लास रूम टाइल्स, पेंटिंग, एल्युमीनियम की खिड़की और दरवाजे शामिल है साथ ही शाला परिसर में लगे ग्लो साइन बोर्ड को भी बदलवाया गया.

सुनहरी यादो के साथ विदा हुए छात्र

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रो को उसी समय ली ग्रुप फोटो की फोटो फ्रेम, दोस्ती का सफरनामा की किताब, मिठाई का एक डिब्बा प्रदान किया गया, सभी छात्र सुनहरी यादों के साथ विदा हुए साथ ही फिर मिलने और सभी एक दुसरे के संपर्क में रहने का वादा किया. पुरे कार्यक्रम में मंच संचालन मुकेश झा, सौरभ अग्रवाल, दीपक तिवारी आभार प्रदर्शन डॉ अनुराग अग्रवाल ने किया कार्यक्रम का सयोंजन मनीष सोनी और रीतेश पारपाणी ने किया. उक्त जानकारी कोर कमिटी के मीडिया प्रभारी अमित अग्रवाल के द्वारा प्रदान की गई.