रायपुर. कालीचरण बाबा पर राद्रोह के केस में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर खुलकर सरकार के विरोध में सामने आए है. उन्होंने कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह के मामले में सरकार पर सवाल उठाया है. अजय चंद्राकर ने कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला हुआ है. मैं भी असहमत क्षेत्र का आदमी हूं. हम विपक्ष में है. बीजेपी के 14 विधायक हैं और 11 सांसद है. यदि हम असहमति जता रहे हैं, तो हमारे खिलाफ भी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

चंद्राकर ने कहा- यदि भाषण देना विचारों की असहमति को राजद्रोह माना जाता है, तो राजद्रोह को के कानून के बारे में कांग्रेस का दृष्टिकोण क्या है? जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है, वहां दृष्टिकोण अलग है, जहां विपक्ष में है, वहां दूसरा है. यदि कांग्रेस लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती. असहमति का सम्मान नहीं करती, तो हम लोगों के ऊपर भी राजद्रोह दर्ज कर दे. कांग्रेस राज्य के भीतर जितने भी विपक्षी हैं, उन पर यह मुकदमा दर्ज करें. यदि हम लोगों को सीधे जेल बुलाएंगे, तो हम मुकदमा दर्ज करवाने वहां चले जाएंगे.

पूर्व मंत्री ने कहा कि धर्म संसद का आयोजक कौन है? इसके मूल आयोजनकर्ता कौन थे ? आयोजन को किसने फंडिंग की ?

जब आयोजन में पहुंचे कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हो सकता है, तो आयोजनकर्ताओं के खिलाफ भी होना चाहिए. आय़ोजक कांग्रेस के सदस्य हैं, बीजेपी के सदस्य हैं, ये सवाल नहीं है.

सवाल है कि उनके ऊपर अपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए. अपराधिक षडयंत्र का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. सरकार को यह बताना चाहिए कि ये आयोजक हैं. जिला प्रशानस और दुधाधारी मठ के संत को यह बताना चाहिए कि किसके कहने पर धर्म संसद बुलाई गई. कौन-कौन पर्दे के पीछे है. इस धर्म संसद का औचित्य क्या था.