Kalki Dham Mandir: आज पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्ण महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में कल्कि धाम की आधार शिला रखी गई. कल्कि धाम मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए अलग-अलग 10 गर्भगृह होंगे. मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी. 5 एकड़ में बनने जा रहा ये मंदिर 5 साल में तैयार होगा.
धर्म शास्त्रों के अनुसार जब भी धरती पर बुराई बढ़ी तो उसका अंत करने के लिए देवी-देवताओं के अलग-अलग रूप में अवतार लिए. धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के दस अवतारों के बारे में बताया गया है. जिनमें से अभी तक 9 अवतार धरती पर जन्म ले चुके हैं और अभी दसवां अवतार बाकी है. भगवान विष्णु धरती पर कल्कि के रूप में 10वें अवतार में जन्म लेंगे और इनके जन्म को लेकर धर्म ग्रंथों में कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया गया है. आज यानि 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि के नाम से श्री कल्कि मंदिर की आधारशिला रखी.
कलियुग में कब जन्म लेंगे भगवान कल्कि? (Kalki Dham Mandir)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है. जब कलयुग का अंतिम चरण शुरू होगा, तब कल्कि अवतार लेंगे. मत्स्य पुराण में भगवान विष्णु के अन्य अवतारों की तरह ही 10वें अवतार कल्कि का वर्णन किया गया है. इस पुराण के अनुसार भगवान कल्कि धरती पर कलियुग के अंतिम चरण में जन्म लेंगे. यानि जब कलियुग समाप्त होने वाला होगा तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर आएंगे. भगवान कल्कि कलियुग के अंत में सतयुग के शुरू होने से पहले यानि दोनों युगों के संधि काल में जन्म लेंगे.
कहां होगा भगवान कल्कि का जन्म?
धर्म ग्रंथों में दी गई जानकारियों के अनुसार भगवान विष्णु के 10वें अवतार भगवान कल्कि सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन जन्म लेंगे. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के संभल जिले में विष्णु भक्त ब्राह्मण परिवार के घर में होगा. ग्रंथों के अनुसार भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होंगे और दुष्टों का नाश करेंगे. उनके घोड़े का नाम देवदत्त होगा.
बता दें कि हिंदू धर्म ग्रंथों में एक कल्कि ग्रंथ भी शामिल है, जिसमें भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के बारे में बताया गया है. इसके अनुसार कल्कि 64 कलाओं से परिपूर्ण होंगे और वह हाथ में तीर-कमान धारण कर धरती पर धर्म की स्थापना करेंगे. कलयुग के अंतिम समय में कल्कि का जन्म होगा. कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा. अभी कलियुग का प्रथम चरण चल रहा है जिसमें से कलियुग के 5126 साल बीत चुके हैं और 426875 साल अभी बाकी हैं.
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