तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने सोमवार को अपनी सहयोगी महुआ मोइत्रा के साथ विवाद और कीर्ति आजाद से झगड़े के बीच लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा पार्टी प्रमुख की अध्यक्षता में हुई टीएमसी सांसदों की एक वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेने की बाद की.
टीएमसी में कल्याण vs महुआ
बता दें कि, कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच झगड़ा कई दिनों से चल रहा है. पहले भी दिल्ली में टीएमसी के एक कार्यक्रम के दौरान कल्याण बनर्जी ने महुआ पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद टीएमसी की महिला सांसद ने नाराज हो गई थीं और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी थी. हालांकि बाद में पार्टी के ही एक वरिष्ठ सांसद की दखल के बाद इस मामले को सुलझा लिया गया था.
महुआ मोइत्रा ने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि उन्हें लोकसभा में बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता और इसके लिए कल्याण बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि पार्टी हाईकमान ने तब उनकी इस शिकायत को दरकिनार कर दिया था और पार्टी लाइन फॉलो करने के निर्देश दिए थे.
बनर्जी ने महुआ पर लगाया गंभीर आरोप
वहीं कल्याण बनर्जी ने अपने इस्तीफे के बाद लिखा, ‘मैंने महुआ मोइत्रा द्वारा हाल ही में एक सार्वजनिक पॉडकास्ट में की गई व्यक्तिगत टिप्पणियों पर ध्यान दिया है. उनके शब्दों का चयन, जिसमें एक सांसद की तुलना ‘सुअर’ जैसे अमानवीय शब्दों से करना शामिल है, न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि ये सभ्य संवाद के बुनियादी नियमों की गहरी अवहेलना को दिखाता है.’
‘उन्हें करना चाहिए गौर’
उन्होंने आगे कहा, ‘जो लोग अपशब्दों को जवाब की जगह इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इस बात पर गौर करना चाहिए कि वे किस तरह की राजनीति कर रहे हैं. जब एक जनप्रतिनिधि गाली-गलौज और असभ्य व्यंग्य करने पर उतर आता है तो ये ताकत नहीं, बल्कि असुरक्षा को दर्शाता है.’
उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट रूप से कह दूं, मैंने जो कहा वह सार्वजनिक जवाबदेही और व्यक्तिगत आचरण के सवाल थे, जिनका सामना करने के लिए हर सार्वजनिक व्यक्ति को तैयार रहना चाहिए- चाहे वह पुरुष हो या महिला. अगर ये तथ्य असुविधाजनक या असहज करने वाले हैं तो जांच से बचने के लिए वैध आलोचना को “स्त्री-द्वेष” करार देना उचित नहीं है. बनर्जी ने मोइत्रा पर पुरुष सहयोगी को ‘यौन रूप से कुंठित’ कहने का आरोप लगाया और इसे अपमानजनक करार दिया.
‘अस्वीकार्य है अभद्र भाषा’
उन्होंने कहा, ‘यदि ऐसी भाषा किसी महिला के खिलाफ इस्तेमाल की जाती तो देशव्यापी आक्रोश होता, लेकिन जब पुरुष इसका निशाना होता है, तो इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. गाली तो गाली ही होती है, चाहे वह किसी भी जेंडर की हो. ऐसी टिप्पणियां ना सिर्फ अभद्र है, बल्कि किसी के लिए भी अस्वीकार्य है.’
टीएमसी सांसदों में तालमेल की कमी
दोनों सांसदों की बीच चले आ रहे इस विवाद पर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई. उन्होंने अपनी पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में ममता ने सांसदों के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी को अस्वीकार्य बताते हुए नाराजगी जाहिर की. हालांकि इस मीटिंग में ममता ने किसी एक का नाम नहीं लिया. ममता ने अपनी पार्टी के सांसदों को केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और पार्टी की साख को प्राथमिकता देने का निर्देश दिए.
इस मीटिंग के बाद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में TMC के चीफ व्हिप पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने खुद को पार्टी सांसदों के बीच कॉर्डिनेशन की कमी का जिम्मेदार ठहराते हुए पद छोड़ दिया. कल्याण बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ सांसद सदन में कभी-कभी ही आते हैं, बावजूद इसके सबके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
टीएमसी नेतृत्व के लिए पार्टी सांसदों का यह झगड़ा एक बड़ी चुनौती बन चुका है. एक तरफ चार बार के सांसद कल्याण बनर्जी हैं, जो काफी अनुभवी नेता हैं और पार्टी में कई अहम पद संभाल चुके हैं. दूसरी तरफ दो बार की सांसद महुआ मोइत्रा जैसी फायरब्रांड नेता हैं, जो संसद में अपने भाषण से विरोधियों पर तीखे हमले करने के लिए जानी जाती हैं.
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