शब्बीर अहमद, भोपाल/ इंदर कुमार, जबलपुर। ओबीसी महासभा को आंदोलन करने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है. साथ ही, महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्यों को नोटिस जारी किया है, जिसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है.

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पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर लिखा है कि ‘ओबीसी महासभा द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर 2 जनवरी को सीएम हाउस के घेराव के पूर्व निर्धारित शांतिपूर्ण कार्यक्रम के पहले शिवराज सरकार उनके दमन पर उतारू हो गई है. ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों को धमकाया जा रहा है, नोटिस थमाये जा रहे हैं, थानों में बैठाया जा रहा है. पता नहीं शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से इतना भय क्यों है? ना सरकार ओबीसी वर्ग का हित चाहती है और ना उनकी सुनना…’

 

 

वहीं  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट किया कि ‘भाजपा की मप्र सरकार ओबीसी के लीडर्ज़ से डर क्यों रही है? ये इस देश के नागरिक हैं. शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात रखना सब का हक है. सरकार अपने आप को OBC हितैषी मानती है तो नोटिस भेजकर OBC महासंघ के सदस्यों को कल के शांतिपूर्ण कार्यक्रम से रोकने का यह प्रयास क्यों. उन्होंने कहा विधिवत उन्हें शांति पूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दीजिए. नहीं तो भाजपा के कोई भी कार्यक्रम को पूरे देश में अनुमति देना बंद करिए. ओबीसी मूवमेंट को दबाने की कोशिश मत करिए. उनकी तकलीफ समझने की कोशिश कीजिए.

दरअसल, कल ओबीसी महासभा आरक्षण की मांग समेत कई मुद्दों को लेकर लेकर आंदोलन आयोजित कर रही है. जिसमें प्रदेश भर से पिछड़ा वर्ग के लोगों को आंदोलन में शामिल होने के लिए ओबीसी महासभा के सदस्यों ने अपील की है. लेकिन कोरोना का हवाला देते हुए प्रशासन ने आंदोलन की अनुमति नहीं दी है. इस मामले में सहायक पुलिस आयुक्त टीटी नगर भोपाल ने महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य धर्मेंद्र कुशवाहा को नोटिस भी जारी किया है, जिससे सियासत शुरू हो गई है.

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