भोपाल। पूरे देश समेत मध्य प्रदेश में कोयले का संकट आन पड़ा है. जिस पर सियासत भी जमकर शुरु हो गई है. कोयले के संकट को लेकर एक बार फिर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार से कई सवाल पूछे हैं. कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा है कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोयले की संकट से जूझ रहा है. पहले भी इसको लेकर सरकार से सवाल पूछा था लेकिन आजतक जवाब नहीं मिला.

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कमलनाथ ने कहा कि ”जिस प्रकार से देशव्यापी कोयले का संकट सामने आ रहा है. उसके कारण बिजली का उत्पादन लगातार कम होता जा रहा है. देश बड़े बिजली संकट के मुहाने पर खड़ा है. उसी प्रकार मध्यप्रदेश में भी पिछले कुछ समय से कोयले का भारी संकट बना हुआ है.”

कमलनाथ ने आगे कहा कि ”धार्मिक पर्वों की शुरुआत हो चुकी है, लोग कोयले के संकट और बिजली संकट से बेहद चिंतित हैं. मैंने पूर्व में भी शिवराज सरकार से इसको लेकर सवाल पूछे थे, लेकिन सरकार ने आज तक उसका कोई जवाब नहीं दिया है, क्योंकि सरकार इससे बेख़बर होकर चुनावों में लगी हुई है.”

कमलनाथ ने शिवराज सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि ”मैं प्रदेश हित में, प्रदेश की जनता की चिंता को देखते हुए एक बार फिर अपने सवालों को दोहरा रहा हू. सरकार बताये कि…..सरकार प्रदेश हित में व जनहित में इसका जवाब दे.

  • मध्य प्रदेश में वर्तमान में कोयले का कुल कितना स्टॉक उपलब्ध है और कुल कितने कोयले की वर्तमान में आवश्यकता है ?
  • वर्तमान में प्रदेश में कुल कितने संयत्रो से कुल कितना बिजली का उत्पादन हो रहा है, इनकी क्षमता कितनी है ?
  • कम उत्पादन के पीछे क्या कारण है ?
  • वर्तमान में प्रदेश में कुल कितनी बिजली की मांग है और कितनी आपूर्ति की जा रही है और कहाँ-कहाँ से, किस दर पर ?
  • कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से कितनी बिजली का उत्पादन वर्तमान में हो रहा है और इनकी क्षमता कितनी है ?
  • कोयला कंपनियों का कुल कितना भुगतान वर्तमान में बाकी है और कितना भुगतान में सरकार ने अभी वर्तमान में किया है ?
  • सरकार ने इस संकट से निपटने को लेकर अभी तक क्या इंतजाम किए हैं ?

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बता दें कि कोयले की कमी से देश के कई राज्य संकट का सामना कर रहे हैं. कोयले की कमी से बिजली का संकट उत्पन्न हो सकता है. इसी के साथ एमपी में भी कुछ इसी तरह की स्थिति है. अगर सभी पावर प्लांट पूरी क्षमता के साथ चलें तो प्रदेश में तीन दिन का ही कोल स्टॉक है.

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