नए आदेश में सीएम कमलनाथ ने कहा है कि भोपाल में अब आकर्षक स्वरूप में पुलिस बैंड और आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदे मातरम का गायन होगा.

भोपालः वंदे मातरम पर उठे विवाद के बाद अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अपने ही फैसले से पलटी मारी है. नए आदेश में कमलनाथ ने कहा है कि भोपाल में अब आकर्षक स्वरूप में पुलिस बैंड और आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदे मातरम का गायन होगा. हर महीने के पहले दिन (कार्यदिवस) पर सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड इस धुन को बजाते हुए शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन यानी सचिवालय तक का मार्च करेंगे.

बता दें कि नई सरकार आने के बाद वंदे मातरम के गायन को बंद करा दिया गया था. जिसके बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया था. साल 2005 से ही हर माह के पहले कार्यदिवस पर मंत्रालयों में वंदे मातरम गाया जाता है. मंत्रालय के कर्मचारी पार्क में इकट्ठा होते थे और मिलकर ‘वंदे मातरम’ का गायन करते थे.

वंदे मातरम बंद कराने के फैसले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवाल उठाते हुए एबीपी न्यूज से कहा था, ”कमलनाथ जी ये बताएं कि वंदे मातरम बंद कराने का ये फैसला उनका है या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का.”

वहीं सूबे के गृह मंत्री बाला बच्चन ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि विपक्षी पार्टी इस मामले को लेकर राजनीति कर रही है. कांग्रेस मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी है और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने हैं. कांग्रेस ने सूबे में सरकारी कैंपस में लगने वाले आरएसएस की शाखा को भी बंद करने की भी बात कही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकारी अधिकारी भी आरएसएस के कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे.