नई दिल्ली. चर्चा है कि कनिष्क सिंह कांग्रेस पार्टी के अगले कोषाध्यक्ष हो सकते हैं. दिल्ली के पत्रकारों के बीच इस बात की चर्चा ज़ोरों पर है कि लंबे समय से राहुल गांधी के साथ जुड़े कनिष्क सिंह मोतीलाल वोरा की जगह लेंगे. मोतीलाल वोरा स्टेयरिंग कमेटी में बने हुए हैं. हालांकि कांग्रेस की ओर से इस बात की पुष्टि कोई नहीं कर पा रहा है. लेकिन दिल्ली के दिग्गज नेता इस संभावना को खारिज़ भी नहीं कर रहे हैं.

इस संबंध में मोतीलाल वोरा से बात करने पर उन्होंने कहा कि इस बात की ना तो घोषणा हुई है ना ही उन्हें कोई जानकारी है. मोतीलाल वोरा कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद भी राहुल गांधी के करीब ही रहेंगे.

कनिष्क सिंह लंबे समय से राहुल गांधी के सहयोगी हैं. उनके अध्यक्ष बनने के बाद से ही चर्चा होने लगी थी कि उन्हें अहम ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. अब चर्चा है कि उन्हें पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो संभवत: वे पार्टी के सबसे युवा कोषाध्यक्ष होंगे. अभी उन्होंने अपना चालीसवां साल पूरा किया है.

कौन है कनिष्क सिंह

कनिष्क पूर्व भारतीय विदेश सचिव और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल एसके सिंह के बेटे हैं. उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की .उनकी शिक्षा दिल्ली के सैंट स्टीफन कॉलेज से हुई. उसके बाद उन्होंने वार्टन से एमबीए किया. उनके बड़े भाई हावर्ड से एमबीए हैं और मुंबई में काम करते हैं.

कनिष्क सिंह ने अपना करियर इनवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर अपना करियर वॉल स्ट्रील में शुरु किया. वे मर्चेंट बैंकिंग फर्म लेज़ार्ड फ्रेरर्स एंड कंपनी के साथ न्यूयॉर्क में जुड़े रहे. उन्होंने विश्व बैंक के साथ भी काम किया है.

2003 में दिल्ली की तात्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के चुनावी प्रचार टीम का हिस्सा थे. आऊटलुक में एक आर्टिकल लिखकर वे राहुल गांधी के करीब आ गए. अमेठी में उन्होंने सॉफ्टवेयर बेस्ड एक मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जिससे लोग अपनी शिकायतें और सुझाव सीधे राहुल गांधी तक पहुंचा सकें. सोनिया गांधी के चुनाव में वे सरायनी विधानसभा क्षेत्र में डोर टू डोर कैंपेन की हेड थे. इसके बाद वे राहुल गांधी के सबसे विश्वस्त बन गए. राहुल गांधी के साथ करीबी से जुड़े होने की वजह से 2012 में वे सबसे शक्तिशाली भारतीय की लिस्ट में 31 वें नंबर पर थे.