कनिष्क विमान हादसे के आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए टैनर फॉक्स को कनाडा में सजा सुनाई गई है। फॉक्स को 20 साल तक पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा दी गई है।
रिपुदमन मलिक की हत्या के मामले में फॉक्स और जोस लोपेज़ ने दूसरे दर्जे की हत्या का दोष स्वीकार किया था। सरकारी वकीलों ने बताया कि मलिक की हत्या के लिए दो लोगों को सुपारी दी गई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि यह काम किसने सौंपा था। मलिक के परिवार ने फॉक्स से बार-बार यह अनुरोध किया कि वह बताए कि उसे इस हत्या के लिए किसने रखा था।


जुलाई 2022 में हुई थी हत्या


फॉक्स और लोपेज़ को मलिक की हत्या के लिए सुपारी दी गई थी, लेकिन जांच में यह साफ नहीं हो सका कि उन्हें यह काम किसने दिया। मलिक के परिवार ने कहा कि जब तक हत्या की साजिश रचने वालों और इसे अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।

1985 का कनिष्क विमान हादसा


23 जून 1985 को कनाडा से भारत जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में आयरलैंड के तट के पास हवा में विस्फोट हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार सभी 329 यात्रियों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर कनाडाई नागरिक थे, जो भारत में अपने परिजनों से मिलने जा रहे थे। उसी दिन जापान के एक हवाई अड्डे पर भी एक बम विस्फोट हुआ था, जिसमें दो कर्मचारी मारे गए थे। इस हमले की योजना कनाडा में मौजूद कट्टरपंथी सिख संगठनों द्वारा बनाई गई थी।
इस मामले में मलिक और उनके सहयोगी अजाइब सिंह बागड़ी को 2005 में एयर इंडिया बम धमाके के आरोपों से बरी कर दिया गया था।

हरदीप निज्जर के साथ विवाद

हत्या से पहले मलिक चैरिटी के तहत एक खालसा कॉलेज खोलने जा रहे थे और इसके लिए उन्होंने जथेदार को आमंत्रित किया था। मलिक ने एक इंटरव्यू में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर और मनिंदर बोइल को आपत्तिजनक शब्द कहे थे। दूसरी ओर, एक धार्मिक कार्यक्रम में हरदीप सिंह निज्जर ने मलिक को समुदाय का गद्दार कहा था और लोगों से उसे सबक सिखाने की अपील की थी।

मोदी सरकार के समर्थक थे मलिक

मलिक एक व्यवसायी थे और उन्होंने खालसा क्रेडिट यूनियन और खालसा स्कूल की स्थापना की थी। वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कट्टर समर्थक माने जाते थे। कनाडाई पुलिस भी इसे उनकी हत्या का एक कारण मान रही है।