सुशील सलाम, कांकेर। ‘दीया तले अंधेरा’ यह कहावत तो आपने सुनी होगी. यह कहावत जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक भवन में लागू होती है, जहां गंदगी को देखकर आप भी कह उठेंगे कि यहां यह हाल है तो शहर का क्या हाल होगा.

कलेक्ट्रेट कार्यालय के कंपोजिट बिल्डिंग में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस जगह पर लिफ्ट लगाई गई, उस पूरे एरिया को लोग ने गुटखे के रंग से रंग दिया है, ऐसा एक जगह नहीं और बहुत से जगहों पर इस तरह का नजारा है.

परिसर में गंदगी ना फैलाने के लिए विभागीय कार्यालयों से लेकर अन्य जगहों पर सूचना भी चिपकाई गई है कि तंबाखू, गुटखा व सिगरेट पीने वालों और 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, लेकिन इस पर अमल नहीं होने की वजह से गंदगी पर रोक नहीं लग पा रही है.

यही नहीं कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने के लिए सुरक्षा के तमाम व्यवस्थाएं मौजूद है. पुलिस की भी तैनाती है, इसके बावजूद परिसर में शराब की बोतल पहुंच रही है. बिल्डिंग की छत पर पड़ी बोतलें गवाही देते है कि यहाँ किस तरह शराबखोरी की जा रही है.

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