दिल्ली. पाकिस्तानी सेना को परस्त कर कारगिल की चोटी पर तिरंगा लहराने वाले हमारे वीर जवानों को आज पूरा देश याद कर रहा है. 1999 में दुश्मन देश को धूल जटाकर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में पूरा देश कारगिल विजय दिवस माना रहा है. द्रास वॉर मेमोरियल में लोगों ने 1999 के कारिगल युद्ध में शहीद जवानों को श्रृद्धांजलि अर्पित की. आज उनके साहस व बलिदान की गाथा को याद किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कारगिल के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्र की रक्षा के लिए कारगिल में शहीद भारतीय सेना के वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने जारी संदेश में कहा है कि देश की सरहदों पर पर कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी बहादुरी के साथ तैनात हमारे वीर सैनिकों की बदौलत ही आज देश और देशवासी तथा देश का लोकतंत्र सुरक्षित है. डॉ. रमन सिंह ने कारगिल युद्ध को याद करते हुए कहा कि उस युद्ध में देश की रक्षा के लिए हमारी भारतीय सेना ने अदम्य साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। राष्ट्र उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा.

पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धाजंलि

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने शहीदों को याद करते हुए ट्वीट कर लिखा, ‘कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्र उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, जिन्होंने ऑपरेशन विजय के दौरान देश की सेवा की. हमारे बहादुर सैनिकों ने यह सुनिश्चित किया कि भारत सुरक्षित रहे और शांति के माहौल को खराब करने की कोशिश करने वालों को उचित उत्तर दिया.’

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा, ‘ऑपरेशन विजय के दौरान अटल जी द्वारा प्रदान किए गए उत्कृष्ट राजनीतिक नेतृत्व को भारत हमेशा गर्व के साथ याद रखेगा. उन्होंने आगे से नेतृत्व किया, हमारे सशस्त्र बलों का समर्थन किया और विश्व स्तर पर भारत के स्टैंड को स्पष्ट किया.’

राजनाथ सिंह ने विजय दिवस पर किया ट्वीट

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विजय दिवस पर ट्वीट कर शहीदों को याद किया. उन्होंने कहा, ‘कारगिल विजय दिवस पर हम उन सभी सैनिकों के साहस और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जो 1999 में बहादुरी से लड़े. हर भारतीय को उनकी वीरता और साहस पर गर्व है।’

विजय दिवस पर स्मृति ईरानी ने भी किया ट्वीट

ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कहा, ‘कारगिल विजय दिवस पर हमारे सशस्त्र बलों के साहस, बहादुरी और त्याग का जश्न मानते हैं। हम सैनिकों के लिए हमेशा ऋणी रहेंगे, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता को संरक्षित किया है.

शहीद के पिता एन के कालिया ने कहा

कारगिल विजय दिवस पर अपने बेटे कैप्टन सौरभ कालिया की मौत पर उनके पिता एन के कालिया ने कहा, ‘तत्कालीन पीएम, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने इस मामले पर (पाकिस्तान में बंदी बनाने के दौरान हुई मौत पर) ध्यान देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत होगी लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है।’

कैप्टन कालिया के साथ क्या हुआ था

जब भी कारगिल युद्ध की बात होती है, तो कैप्टन सौरभ कालिया का नाम सबसे पहले गूंजता है। कैप्टन सौरभ कालिया ने कारगिल में पाकिस्तानी सैनिकों की बड़ी घुसपैठ का सामना किया था। 5 मई, 1999 को कैप्टन कालिया और उनके 5 साथियों को पाकिस्तानी सैनिकों ने बंदी बना लिया था। 20 दिन बाद वहां से भारतीय जवानों के शव वापस आए। लेकिन अटॉप्सी रिपोर्ट सामने आई, तो पूरा देश में नाराजगी थी, जिसमें पता चला कि भारतीय जवानों के साथ पाकिस्तान ने बेरहमी की गई। उन्हें सिगरेट से जलाया गया था और उनके कानों में लोहे की सुलगती छड़ें घुसेड़ी गई थीं। सौरभ कालिया के साथ उनके पांच साथी नरेश सिंह, भीखा राम, बनवारी लाल, मूला राम और अर्जुन राम भी थे। ये सभी काकसर की बजरंग पोस्ट पर गश्त लगा रहे थे, जब ये दुश्मन के हाथों पकड़े गए।

कारगिल विजय दिवस

आज से 18 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध लड़ा गया था। लगभग दो महीने तक चले इस युद्ध में दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए थे और आज के दिन यानी 26 जुलाई, 1999 में भारत ने कारगिल की जंग जीत ली थी, तभी से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूम में मनाया जा रहा है। कारगिल की दुर्गम चोटियों में लड़े गए युद्ध में पाकिस्तान को करारी मात देते हुए भारतीय सेना के 527 जवानों, अधिकारियों ने वीरगति पाई थी। इनमें 71 जम्मू कश्मीर से थे।